आवाज ए हिमाचल
नई दिल्ली
बीते शुक्रवार जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो आतंकवाद को लेकर ज्ञान दे रहे थे, उसी वक्त राजौरी आतंकवादी हमला हुआ था। अब इस आतंकी हमले को लेकर बड़े खुलासे हुए हैं। इन खुलासों से साफ पता चलता है कि राजौरी में हुए आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तानी सेना का हाथ था। जानकारी के मुताबिक इन आतंकियों को पाकिस्तानी सेना ने वे हथियार दिए थे, जो युद्ध में इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके अलावा एलओसी के करीब बॉर्डर एक्शन टीम्स (बैट्स) के सदस्य भी देखे गए हैं।
गौरतलब है कि बैट्स वे टीम है, जिसमें पाकिस्तान आर्मी के कमांडोज और आतंकवादी शामिल रहते हैं। बताया जाता है कि बैट्स के सदस्य पुंछ, राजौरी, मेंढर, कृष्णा घाटी और बिम्बर गली सेक्टर्स के जंगलों में देखे गए हैं।खबर के मुताबिक पिछले हफ्ते राजौरी में हुए हमलों की जांच के बाद यह तथ्य सामने आया है। इंटेलीजेंस सूत्रों के मुताबिक बैट्स इस वक्त पाकिस्तान ऑकुपाइड कश्मीर में तीन जगहों पर सक्रिय हैं। यह जगहें हैं, पीर कलंजर, डोटिला और केजी टॉप के पास के गांव।
सूत्रों के मुताबिक राजौरी और पुंछ सेक्टर के करीब पीओके के लांजोते, कोटली और खुइरटा में भी आतंकियों की गतिविधियों में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि बैट ऑपरेशंस में शामिल आतंकियों को पाकिस्तानी सेना के सिपाहियों और कमांडोज की तरह से ट्रेनिंग दी जाती है। इन लोगों को एलओसी पर हमले के लिए ट्रेन किया जाता है।