पांच हजार करोड़ की फसल बेचकर भी नहीं उतरा किसानों का बैंक कर्ज

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आवाज ए हिमचाल 

17 फरवरी। उत्तर प्रदेश में किसानों की आमदनी बढ़ी या नहीं बढ़ी यह अलग बात है, लेकिन किसानों पर बैंकों के कर्ज में एक पैसे की भी कमी नहीं हुई है। उल्टा किसानों पर बैंकों का कर्ज बढ़ता ही जा रहा है। पिछले एक साल में किसानों ने केवल चीनी मिलों व सरकार को ही गन्ने, गेहूं व धान की पांच हजार करोड़ से अधिक की फसल बेची है। किसानों के बाकी भी कुछ न कुछ व्यवसाय हैं लेकिन इसके बाद भी किसानों पर कर्ज कम नहीं हो रहा है।बिजनौर जिले में करीब चार लाख किसान परिवार हैं। किसान गन्ना, गेहूं, धान के अलावा सब्जियों की खेती प्रमुखता से करते हैं। कुछ किसान अब केले, पॉपुलर आदि की फसलों का भी रुख कर रहे हैं।


किसानों को इन फसलों को बेचकर अच्छी आमदनी हो जाती है। इस आमदनी में किसान को या तो बैंक से कर्ज नहीं लेना चाहिए और अगर कर्ज लेना पड़ जाता है तो वह उस कर्ज को जल्दी उतार सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। किसानों पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता चला जा रहा है। जिले के किसानों पर दिसंबर 2019 में पांच हजार 63 करोड़ रुपये का कर्ज था।

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