पहाड़ी बोली का संरक्षण अत्यंत जरूरी: एसडीएम

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आवाज़ ए हिमाचल

ब्यूरो, धर्मशाला। एसडीएम कांगड़ा सौमिल गौतम ने कहा कि पहाडी भाषा के संरक्षण संवंर्धन हेतु स्कूली स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम करवाने चाहिए, ताकि पहाड़ी बोली को अलग पहचान दिलाई जा सके। बुधवार को भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला कांगड़ा की ओर से एसडीएम कार्यालय कांगड़ा में पहाडी दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित साहित्यक कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि एसडीएम सौमिल गौतम प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे।

सलीम उपमण्डलाधिकारी ना0 धीरा विशिष्ट अतिथि के रूप में भूमिका निभाई। पहाडी दिवस के उपलक्ष्य पर विभिन्न साहित्यकारों/कवियों द्वारा पहाडी भाषा में अपनी कवितांए प्रस्तुत की। कार्यक्रम में पूर्ण चन्द, शिव सन्याल शकंर सन्याल उदयवीर डाॅ0 युगल किशोर डोगरा सतपाल घृतवंशी हरिकृष्ण मुरारी अश्वनी कुमार धीमान डाॅ. गौतम व्यथित शर्मा गोपाल शर्मा कवंर करतार डाॅ. विपन कुमार डाॅ. संदीप कुमार व अन्य साहित्यकार उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में मुख्यतिथि ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें  अतं में जिला भाषा अधिकारी कांगडा अमित गुलेरी ने कार्यक्रम में आए सभी साहित्यकारों व श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।

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