आवाज़ ए हिमाचल
06 दिसंबर। प्रदेश में पाई जाने वाली पहाड़ी गाय की नस्ल में सुधार किया जाएगा। सरकार ने पहाड़ी गाय की नस्ल में सुधार करने के लिए 4.64 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसका संरक्षण और संवद्र्धन करने के लिए 4.64 करोड़ का प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। प्रोजेक्ट के तहत पहाड़ी गाय की नस्ल का सुधार किया जाएगा साथ ही इसके संरक्षण को विशेष प्रयास किए जाएंगे।
जिला सिरमौर के कोटला बड़ोग में अनुसंधान केंद्र काम करेगा। इस गाय से पैदा हुए बछड़ों की भी नस्ल सुधारी जाएगी। हिमाचल के पशुपालन क्षेत्र में पहाड़ी गाय का संरक्षण होने से पशुपालकों को आर्थिक लाभ होगा। पशु वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद यह पाया है कि हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों के लिए देशी नस्ल की गाय ही उपयुक्त है।
हिमाचल की पहचान मानी जाने वाली छोटे कद की गाय को नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्सेज ने देश की मान्यता प्राप्त नस्लों की सूची में शामिल किया है। नेशनल ब्यूरो में देशी नस्ल की अन्य गउओं जैसे साहिवाल, रेड सिंधी, गिर सरीखी विख्यात नस्ल के साथ हिमाचली पहाड़ी भी शामिल हुई है। पशुपालन विभाग के मुताबिक हिमाचल के कुल्लू, मंडी, चंबा, कांगड़ा, एक अनुमान के अनुसार इनकी संख्या 8 लाख से अधिक है।