आवाज़ ए हिमाचल
28 नवंबर।हिमाचल प्रदेश के इतिहास में पहली बार रविवार को सैकड़ों नाराज पुलिस कर्मचारी एक साथ मुख्यमंत्री आवास ओकओवर पहुंच गए। पूरा परिसर पुलिस छावनी में बदल गया। पुलिस कांस्टेबलों की इतनी बड़ी मूवमेंट से आला अफसरों में हड़कंप मच गया। दरअसल, प्रदेश में बीते शनिवार को संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक में सीएम जयराम ठाकुर ने अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की अवधि तीन से दो साल करने का एलान किया लेकिन पुलिस कांस्टेबलों के पे बैंड की अवधि कम करने की कोई घोषणा नहीं की।
मांग पूरी न होने से मायूस इन कांस्टेबलों ने विरोध में शनिवार दोपहर से ही मैस का खाना छोड़ दिया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इसकी जानकारी मिली तो आनन-फानन में पुलिस कर्मियों के कुछ प्रतिनिधियों से मुलाकात के लिए शाम को बैठक तय कर दी गई। पुलिस के आला अफसरों को इसकी भनक तक नहीं लगी। नतीजतन, रविवार को दोपहर बाद 3.30 से लेकर शाम करीब 6:00 बजे तक सैकड़ों कांस्टेबल मुख्यमंत्री आवास के बाहर डट गए। इस बीच कांस्टेबलों के कुछ प्रतिनिधि भीतर गए और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बातचीत की। लगभग ढाई घंटे बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बाहर निकले और कांस्टेबलों को आश्वासन दिया कि सोमवार को अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त उनकी मांग को लेकर कोई समाधान निकालेंगे। इसके बाद कांस्टेबल लौट गए।
बताया जा रहा है कि कुछ पुलिस कर्मियों ने अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर के नेतृत्व में सुबह के समय ही सीएम के समक्ष इस मामले को उठाया लेकिन उन्हें शाम चार बजे के बाद बुलाया गया। इसी बीच पुलिस कांस्टेबल जुटना शुरू हो गए और ओकओवर पहुंच गए। इस माहौल को देखकर ऐसा लगा मानो पुलिस कर्मी सीएम आवास का घेराव कर रहे हों। इससे एक तरह की चर्चा रही कि एक अनुशासित बल इस तरह से क्यों जुट आया। इससे पुलिस विभाग में अफरातफरी की स्थिति बन गई। आला अधिकारी भी इस बात से हैरान रहे कि कांस्टेबलों को इस तरह से अपनी बात रखने की नौबत क्यों आई। हालांकि ये पुलिस कर्मी शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे थे।