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शिमला। आश्विन नवरात्र मेले के पहले दिन प्रदेश के पांच शक्तिपीठों में एक लाख 15 हजार श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। रविवार की छुट्टी के चलते दिनभर मंदिरों में रौनकें रही। चिंतपूर्णी, ज्वालाजी, नयनादेवी, बज्रेश्वरी व चामुंंडा मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमडऩा शुरू हो गई। नवरात्र के लिए मां के दरबार को रंग-बिरंग फूलों से सजाया गया है। इसके अलावा मां के दर्शनों के लिए मंदिर खुलने और बंद करने का भी अलग से समय तय किया गया है। ऊना जिला के उपायुक्त राघव शर्मा ने बताया कि चिंतपूर्णी मंदिर में 20 हजार श्रद्धालुओं ने माथा टेका। वहीं, नयनादेवी मंदिर में पहले दिन 60 हजार श्रद्धालुओं ने हाजिरी भरी। मंदिर अधिकरी विपिन ठाकुर ने बताया कि नवरात्र मेले के दौरान दर्शनों के लिए मंदिर 12 बजे से दो बजे तक मंदिर बंद रहेगा। ज्वाला जी मंदिर में 15 हजार श्रद्धालुओं ने माथा टेका। मंदिर अधिकारी अनिल ने बताया कि नवरात्र के दौरान दर्शनों के लिए मंदिर सुबह चार बजे से लेकर रात दस बजे तक खुला रहेगा।
इसके अलावा में कांगड़ा स्थित बज्रेश्वरी देवी मंदिर में दस हजार श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किए। मंदिर अधिकरी नीलम राणा ने बताया कि नवरात्र मेले के दौरान दर्शनों के लिए सुबह पांच बजे से रात दस बजे तक खुला रहेगा। इसके अलावा चामुंडा देवी मंदिर में नवरात्र मेले के पहले दिन दस हजार श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में शीश नवाया।