आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। पर्यटन नगरी धर्मशाला के इतिहास में एक और नया तमगा जुड़ा गया है। दुनिया के 20 प्रभावशाली देशों के प्रतिनिधियों द्वारा जी-20 की अहम बैठक में इंटरनेशनल मुद्दों पर चर्चा का धर्मशाला गवाह बन गया है। दुनिया के 20 शक्तिशाली देशों के डेलीगेट्स का एक साथ इस तरह से यहां बैठकर चर्चा करना पहली बार संभव हो पाया है। हालांकि इससे पहले यहां दुनिया के विभिन्न देशों के बीच कई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेले जा चुके हैं, लेकिन जी-20 जैसी बड़ी एवं अहम बैठक पहली बार ही यहां हो पाई है। इससे हिमाचल की अर्थवस्था को मजबूती मिलने की बड़ी उम्मीद जगी है। जी 20 सम्मेलन हिमाचल की इकोनॉमी को नई रफ्तार देने में अहम रोल अदा करेगा। बृद्धिजीवियों का मानना है कि इस बड़े एवं अहम आयोजन से प्रदेश की वैश्विक ब्रांडिंग हो रही है और इकोनॉमी को नई दिशा मिलेगी। विश्व मानचित्र पर धर्मशाला व हिमाचल की अलग पहचान बन रही है। देवभूमि को पहली बार जी-20 सरीखा बड़ा इवेंट मिलना बेहद उत्साहवर्धक रहा। सम्मेलन का सफल आयोजन वैश्विक निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।
यहां पर्यटन उद्योग के साथ साथ, एक्जीबिशन इंडस्ट्री तथा आईटी से जुड़े लोगों के लिए नई संभावनाएं बनेंने की उम्मीद लगाई जा रही है। इतना ही नहीं इससे धर्मशाला वैश्विक इवेंट स्थल के रूप में भी प्रोमोट हो रहा है। विदेशी मेहमानों को हिमाचल और कांगड़ा की विरासत, कल्चर के साथ साथ, खानपान, कला, हैंडीक्राफ्ट से रू-ब-रू कराने से पहाड़ की ओर विदेशी मेहमानों का आकर्षण और अधिक बढ़ेगा। धर्मशाला जी-20 की अहम बैठक का गवाह बनने से पहले प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के कार्यक्रमों का आयोजन करवाने के साथ साथ माह पूर्व ही उनके यहां पहली बार ठहरने का भी गवाह बन चुका है। यहां पर देश भर के मुख्य सचिवों की महत्त्वपूर्ण बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हो चुकी है। इसके अलावा देश भर के पर्यटन मंत्रियों की बैठक भी धर्मशाला में हो चुकी है।
बौध धर्मगुरू दलाईलामा की धर्मशाला में उपस्थिति के कारण भी देश दुनिया में हिमाचल व धर्मशाला की अलग पहचान बन चुकी है। ऐसे में जी-20 की बैठक में ग्लोबल वार्मिंग से निपटने और जलवायु परिवर्तन पर मिलकर दुनिया के प्रमुख देशों का संकल्प लेना पहाड़ के इतिहास में दर्ज हो गया है।