आवाज़ ए हिमाचल
22 मार्च। पाकिस्तान में पहली बार एक अदालत ने गैंगरेप के मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। पाकिस्तान में पिछले साल पाकिस्तानी मूल की फ्रांसीसी महिला से बच्चों के सामने गैंगरेप की घटना में लाहौर की एक अदालत सजा-ए-मौत सुनाई है। पाकिस्तान में गैंगरेप के दोषियों को मौत की सजा देने का यह पहला मामला है। दोषियों को मौत की सजा सुनाने के लिए इमरान सरकार को नया कानून बनाना पड़ा था।
पाकिस्तान में पिछले साल सितंबर में लाहौर के पास हाईवे पर एक महिला से दरिंदगी का मामला सामने आया था। पाकिस्तानी मूल की फ्रांसीसी नागरिक महिला से बच्चों के सामने गैंगरेप किया गया था। इस घटना से पूरा देश हिल गया था। महिला सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन दरिंदों को मौत की सजा दिलाने की मांग करते हुए सड़कों पर उतर आए थे। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे आ गई थी। उसके बाद आरोपियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। इसी मामले के दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई है।
लाहौर की एंटी टेरेरिज्म कोर्ट के जज हुसैन भट्ट ने शनिवार को यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की लाहौर की कैंप जेल में ही सुनवाई हुई। न्यायाधीश शाम पांच बजे जेल में पहुंचे, जहां करीब 25 मिनट की सुनवाई के बाद सजा-ए-मौत का फैसला सुना दिया। दोनों दोषियों को उम्रकैद और 50-50 हजार रुपये के जुर्माने की सजा भी सुनाई गई है। स्थानीय मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में यह फैसला सुनाया गया। बता दें कि अदालत ने इस मामले में गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।