तालाब के रखरखाव को लेकर कमेटी नहीं बना पाया प्रशासन
आवाज़ ए हिमाचल
सुमित शर्मा, परवाणू।
8 जून। ऊँचा परवाणू स्थित परवाणू के एकमात्र तालाब में जल का स्तर गिरता जा रहा है, जिसके चलते तालाब की मछलियों की जान खतरे में है। इससे पूर्व गर्मियों के शुरुआती दौर में भी तालाब में पानी की कमी से ऑक्सीजन लेवल घटने से मछलियों को जान गवानी पड़ी थी। इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन अभी तक तालाब के रख-रखाव के लिए अदद कमेटी तक गठित नहीं कर पाया है।
ग़नीमत है कि परवाणू के समाज सेवकों के प्रयासों के चलते लोग यहाँ टैंकरों की ज़रिए पानी डलवा रहे हैं, वरना यह तालाब तो कब का मछली विहीन हो जाता।
गौरतलब है कि परवाणू स्थित एकमात्र तालाब के रखरखाव की सुध न तो नगर परिषद लेता है और ना ही परवाणू का कोई अन्य विभाग। जानकारी के अनुसार एक बार फिर तालाब के पानी का स्तर नाम मात्र का रहा गया है और पानी में ऑक्सीजन की मात्रा समाप्त हो गई है जिससे तालाब की सैंकड़ों मछलियों की जान पर बन आई है।
बता दें की बीते दिनों एक स्थानीय संगठन ने तालाब की साफ सफाई करनी चाही परन्तु वहाँ स्थित एक परिवार द्वारा तालाब का मालिकाना हक जताकर उन्हें रोक दिया गया। दरअसल उक्त तालाब एक परिवार की निजी जमीन, फॉरेस्ट लैंड व पंचायत की जमीन पर बना है, जिसके चलते सभी एक दूजे पर ज़िम्मेवारी डाल रहे हैं।
परवाणू के समाजसेवी व शिरडी साई बाबा भक्त संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सतीश बेरी कई बार नगर परिषद को इस स्थिति से अवगत करवा चुके है परन्तु समस्या ज्यों कि त्यों बनी हुई है। उनका कहना है की हर बार सूचना मिलने पर पानी के टैंकर डलवाना समस्या का सही समाधान नहीं है। इस तालाब को स्थानीय प्रशासन को अपने अधिकार में लेकर इसके रखरखाव बारे एक कमेटी का गठन किया जाना चाहिए। कमेटी समय समय पर तालाब का निरीक्षण कर इसका रखरखाव करे। पर्यटन की दृष्टि से इस भी इस तालाब का जीर्णोद्धार किया जा सकता है।
स्थानीय जनता का भी कहना है कि तालाब भले ही निजी जमीन, फॉरेस्ट लैंड व पंचायत की भूमि पर बना है लेकिन इसका जल्द हल निकाल कर इसे विकसित करना चाहिए।
इस बारे नगर परिषद परवाणू के कार्यकारी अधिकारी अनुभव शर्मा ने बताया की पानी के तालाब की समस्या उनके ध्यान में लाई गयी है। नगर परिषद की टीम को तालाब की साफ सफाई व पानी की समस्या के निवारण हेतु तुरंत कार्यवाही के आदेश दे दिये गए हैं। अनुभव शर्मा ने बताया की उक्त स्थान पर स्थित एक परिवार द्वारा नप को कुछ समय पहले एक नोटिस भेजा गया था। जिसके चलते समस्या का समाधान होने में अड़चन आड़े आ रही है। सारे काग़ज़ात देखने के बाद जो भी नप द्वारा किया जा सकेगा वह अवश्य किया जायेगा।