आवाज़ ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर,परवाणू
20 अप्रैल।परवाणू में फैली डायरिया जैसी गंभीर बिमारी ने स्थानीय जनता व प्रशासन की हालत खराब कर दी है।बीते दिन डायरिया के 322 मामले दर्ज किए गए थे,वहीं शनिवार को 29 और नए मामले आने से यह आंकड़े 351 से पार चले गए हैं। हालात यह है कि अस्पताल में हर रोज़ लगभग 15 से 20 के करीब मामले आ रहे हैं।गनीमत है की परवाणू नगर व आस पास के ग्रामीण क्षेत्र से अब तक डायरिया जैसी गंभीर बिमारी से कोई जान हानि नहीं हुई है।
गौरतलब है कि डायरिया के यह 351 मामले तो आधिकारिक है,जो ईएसआई अस्पताल में दर्ज हुए हैं,लेकिन जो डायरिया मरीजों ने अपना इलाज ईएसआई अस्पताल में ना करवाकर प्राइवेट क्लिनिक या केमिस्ट से दवाई लेकर घर पर ही रहे, उनकी गिनती आधिकारिक आंकड़ों से कई गुना अधिक है।
उधर, पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष व वार्ड सात से पार्षद ठाकुर रणजीत सिंह ने कहा कि डायरिया जैसी गंभीर बीमारी जल रोधक है और ये दूषित पानी से होती है।उन्होंने कहा कि सम्बंधित विभागों की कार्यप्रणाली एवं लापरवाही से आज सैकड़ों लोग डायरिया से बीमार हुए हैं,ऐसे में उन सभी विभागों और अधिकारियों की जवाब देही बनती है। पार्षद रणजीत ठाकुर ने कहा कि जिस जिस विभाग और विभागीय अधिकारियों की अनदेखी से यह बिमारी पनपी है, जिसने सैंकड़ो लोगों की जान खतरे में डाल दी है।इन सभी अधिकारियों के खिलाफ़ सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। रणजीत ठाकुर ने कहा कि यह तो गनीमत रही की अब तक किसी प्रकार की जान हानि नहीं हुई। रणजीत ठाकुर ने सरकार से इसकी निष्पक्ष जांच के लिए कमेटी गठित करने की मांग की है,ताकि दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जा सके, अन्यथा परवाणू की जनता के साथ हम आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे, यह आंदोलन तब तक चलेगा जब तक दोषियों को सजा नहीं दी जाती।