आवाज ए हिमाचल
यशपाल ठाकुर, परवाणू। औद्योगिक नगरी परवाणू के नायब तहसीलदार कार्यालय में लोगो को जमीनों की रजिस्ट्री के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। यहाँ के बैंको से रजिस्ट्री कराने के लिए लोगो को ई-स्टाम्प नहीं मिल रहे है। राजस्व विभाग ने यहाँ नायब तहसीलदार का कार्यालय तो खोल दिया, लेकिन ई-स्टाम्प के लिए एकाध बैंक को छोड़ कर बाकी बैंको को अधिकृत नहीं किया है। नतीजन लोगो को लोकमित्र केंद्र का सहारा लेना पड़ रहा है। यहाँ भी एक अनार सौ बीमार वाली स्थिति बनी हुई है, क्यूंकि लोक मित्र केंद्र में भी प्रतिदिन 1.50 लाख तक के ई-स्टाम्प ही निकल सकते है। ऐसे में जमीन की रजिस्ट्री के लिए लोगो को कई कई दिनों का इन्तजार करना पड़ रहा है, जिसके चलते लोगो के काम लंबित हो रहे है। गौरतलब है की प्रदेश राजस्व विभाग ने परवाणू में नायब तहसीलदार का कार्यालय तो खोल दिया, लेकिन बैंको से ई-स्टाम्प की सुविधा नहीं दी। परवाणू के नायब तहसील कार्यालय में परवाणू समेत दूर-दराज के इलाको का संभाग आता है। इनमे करोडो रुपयों की जमीनो की खरीद-फरोख्त होती है, लेकिन परवाणू के लोक मित्र केन्द्रों व एकाध बैंक में महज 1.50 लाख के ई-स्टाम्प रोजाना निकालने की लिमिट है। ऐसे में यदि किसी जमीन की रजिस्ट्री में 10 लाख के ई-स्टाम्प लगने है, तो लोगो को किश्तों में ई-स्टाम्प निकलवाने पड़ते है।
इस प्रक्रिया में कई कई दिन लग जाते है और लोगो को रोजाना लोक मित्र केन्द्रों के चक्कर लगाने पड़ते है। इस सब में उन लोगो को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जो प्राथा जैसे दूर-दराज क्षेत्रो से यहाँ रजिस्ट्री कराने आते है।
नायब तहसीलदार कमल रोहाल से पूछे जाने पर उन्होंने बताया की पहले स्टाम्प लिमिट केवल एक बैंक के पास थी, परन्तु कुछ दिनों से अब केनरा बैंक व पंजाब नेशनल बैंक को भी स्टाम्प के लिए अधिकृत किया गया है। दोनों बेंको के पास लगभग 1.50 लाख की स्टाम्प पावर दी गई है. कमल रोहाल ने कहा की स्टाम्प लिमिट बढ़ाना सम्बंधित विभाग के उच्च अधिकारीयों के अधिकार क्षेत्र में है।