परवाणू: दत्यार स्कूल के बच्चों को हाईवे पार कर पहुंचना पड़ रहा स्कूल, कभी भी हो सकता है हादसा

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सरकार से ओवर ब्रिज बनाए जाने की मांग

आवाज़ ए हिमाचल 

यशपाल ठाकुर, परवाणू। परवाणू के नजदीक स्थित कोटी-नाम्भ पंचायत के दत्यार गाँव में स्थित बच्चों को वाहनों की रेलमपेल के बीच हाईवे क्रॉस कर स्कूल पहुँचना पड़ रहा है। ऐसे में कभी भी कोई दुर्घटना हो सकती है, क्यूंकि कालका-शिमला हाईवे पर वाहनों का जबरदस्त रश होता है, जिसमें वाहन तेज गति से आवाजाही करते हैं। स्थानीय लोग इस पॉइंट पर ओवर ब्रिज बनाए जाने की लंबे अरसे से मांग कर रहे हैं, ताकि बच्चे मह्फूस रह सके।
बता दें कि कालका शिमला नेशनल हाईवे-5 पर स्थित दत्यार गवर्मेंट स्कूल के स्कूली बच्चों के लिए राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 को पार करना लम्बे समय से सिर का दर्द बना हुआ है। राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 दत्यार गांव में वर्षों पुराना सरकारी स्कूल है। सड़क के दोनों किनारों पर गांव बसा हुआ है। सड़क के उस पार के बच्चों को जब भी स्कूल आना या फिर छुट्टी के बाद घर जाना होता है तो बच्चे अपने जीवन को जोखिम में डाल कर एनएच-5 को पार करते हैं। स्थानीय ग्रामवासी संजय कुमार, गणेश कुमार, राकेश कुमार, हाई स्कूल एसएमसी प्रधान हरी कृष्ण रघुवंशी, प्राइमरी स्कूल एसएमसी प्रधान प्रमोद अत्री, एसएमसी मेंबर अंजू देवी व सोमा देवी का कहना है की इस स्थान पर ना तो कोई स्कूल होने का साइन बोर्ड है और ना ही सड़क पार करने के लिए एल्ज़ेब्रा मार्किंग।

गौरतलब है की सरकारी नियमो के तहत जहां स्कूल या अन्य ऐसे संस्थान होते हैं वहां साइन बोर्ड, कुछ दुरी पर स्पीड ब्रेकर और सड़क पार करने के लिए एल्ज़ेब्रा मार्किंग होना ज़रूरी होता है, परन्तु इस स्थान पर ऐसा कुछ भी नहीं है। स्थानीय ग्रामवासी कई बार इस बारे शिकायत कर चुके है, परन्तु समस्या का समाधान आज दिन तक नहीं हो पाया है।

ओवर ब्रिज बनने तक साइन बोर्ड व दोनों ओर स्पीड ब्रेकर लगाए जानें कि मांग 

उधर, कोटि नाम्भ ग्राम पंचायत के उपप्रधान लक्ष्मीदत्त अत्री (बब्बू अत्री) ने कहा कि दत्यार में स्थित सरकारी स्कूल वषों से अपनी सेवाएं दे रहा है। इस स्कूल में कोटि नाम्भ ग्राम पंचायत के अधीन आने वाले सभी गांव के बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। लक्ष्मीदत्त अत्री ने कहा की हाइवे विभाग को इस परेशानी का पूरा ज्ञान है, परन्तु फिर भी आज दिन तक कोई समाधान नहीं निकाला गया। जिसके चलते दत्यार स्कूल में पड़ने वाले स्कूली बच्चों का जीवन हर समय दुर्घटना के साए में व्यतीत हो रहा है। बच्चों के अभिभावक भी डर के साए में जीवन जीने को मजबूर है। उपप्रधान लक्ष्मीदत्त अत्री ने यह भी बताया की ग्रामवासियों व पंचायत द्वारा कई बार इस स्थान पर ओवर ब्रिज बनाये जाने की मांग की जा चुकी है। हाइवे विभाग ने आश्वासन भी दिया था की इस स्थान पर जो भी आवश्यक होगा वह ज़रूर किया जाएगा, परन्तु आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। लक्ष्मीदत्त अत्री ने मांग की है कि इस स्थान पर सड़क पार करने के लिए ओवरब्रिज बनाया जाए और जब तक यह ओवर ब्रिज बन कर तैयार नहीं होता तब तक उस स्थान पर साइन बोर्ड लगाया जाए व कुछ मीटर की दुरी पर दोनों ओर स्पीड ब्रेकर लगाए जाए। इसके अलावा हाइवे पार करने के लिए एल्ज़ेब्रा मार्किंग की जाए ताकि हादसे को रोका जा सके।

 

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