परवाणू के ईएसआई अस्पताल के बाहर नहीं रुक रही बसें, बीमार लोगों व बुज़ुर्गों को हो रही परेशानी

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क्षेत्रीय निदेशक के आदेशों के बावजूद बस नहीं रोक रहे ड्राइवर व कंडक्टर

आवाज ए हिमाचल

यशपाल ठाकुर, परवाणू। परवाणू के ईएसआई अस्पताल के बाहर बसें न रुकने से अस्पताल आने वाले मरीजों व उनके तामिरदारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बसों के ईएसआई अस्पताल के बाहर न रुकने से मरीज़ों, बुजुर्गों  व गर्भवती महिलाओं को बस स्टैंड जाना पड़ रहा है, जोकि अस्पताल से काफी दुरी पर स्थित है। स्थानीय लोगों ने इस बारे पत्राचार के माध्यम से परिवहन विभाग को अवगत करवाया था, लेकिन फिर भी बसे यहाँ नहीं रुक रही हैं। वैसे परिवहन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधक का कहना है की ईएसआई अस्पताल के बाहर बसों को सवारी चढाने व उतारने के निर्देश दे दिए गए हैं, हालाँकि हैरान कर देने वाली बात यह है की निर्देशों के बावजूद बसों के ड्राइवर व कंडक्टर बसें नहीं रोक रहे है। ऐसे में आमजन की यह समस्या जस की तस बनी हुई है।

इस बारे स्थानीय निवासी वीरेंदर शर्मा ने बताया कि परिवहन विभाग को पत्र के माध्यम से बीते दिसंबर माह में निवेदन किया गया था कि परिवहन विभाग अपनी सभी बसों को बुजुर्ग, बीमार लोगों और गर्वभती महिलाओं को परवाणू ईएसआई अस्पताल के बाहर मात्र चढाने व उतारने के लिए रोके जाने के निर्देश जारी करे, फिर चाहे वह लोकल बस हो, लॉन्ग रुट की बस हो या फिर निजी बस सर्विस हो। वीरेंदर शर्मा, अजय मेहता व सीताराम ने कहा कि आज की स्थिति में कोई भी बस उक्त स्थान पर नहीं रुक रही है और जब ड्राइवर से पूछा जाता है तो वह विभाग की और से आदेश न होने की बात करता है, जबकि विभागीय अधिकारियों को भी इस परिस्थिति का पता है।

बता दें इसी को लेकर परवाणू व आस पास के ग्रामवासियों ने परवाणू पथ परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक को निवेदन पत्र देकर ईएसआई के बाहर दोबारा एचआरटीसी की बसों को सवारियां चढाने व उतारने की मांग उठाई थी और साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधक के माध्यम से प्रदेश के परिवहन मंत्री व परिवहन विभाग को भी पत्र भेजा था। पत्र में परवाणू वासियों व आस पास के गाँव से परवाणू ईएसआई अस्पताल आने वाले मरीज़ों, बुज़ुर्गों व गर्भवती महिलाओं की परेशानी के बारे जानकारी दी गईं थी।

गौरतलब है कि परवाणू का नया बस स्टेंड ईएसआई अस्पताल से लगभग पाँच सौ मीटर की दूरी पर है जिसके चलते बीमार लोगों को बस स्टेंड से ईएसआई अस्पताल तक आने जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है जिनमें बुज़ूर्ग, बीमार लोग और गर्वभती महिलाएं होती है।

 

क्या कहते हैं वार्ड सात के पार्षद?

उधर, परवाणू वार्ड-7 के पार्षद व भाजपा नेता ठाकुर रणजीत सिंह ने कहा कि हमारे द्वारा परवाणू परिवहन विभाग के क्षेत्रीय प्रबंधन को पत्र के माध्यम से निवेदन किया गया था की परवाणू ईएसआई अस्पताल के बाहर सवारियां चढाने व उतारने के लिए बसें रोकी जाएं। पार्षद रणजीत ठाकुर ने कहा कि ईएसआई के बाहर बसें न रुकने के कारण बुज़ुर्गों, बीमार लोगों व गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है, क्यूंकि बस अड्डा अस्पताल से लगभग पांच सौ मीटर दूर है इसलिए वहां से अस्पताल आने में मुश्किलें आती है। पार्षद रणजीत सिंह ने कहा की हम स्थानीय परिवहन प्रशासन व सरकार से निवेदन करते हैं की ईएसआई के बाहर बसों को सवारियां चढाने व उतारने के आदेश दिए जाए ताकि बुज़ुर्ग व मरीज़ लोगों को सहूलियल मिल सके।

क्या कहा स्थानीय निवासी वीरेंद्र शर्मा ने :-

स्थानीय निवासी वीरेंदर शर्मा ने परिवहन विभाग से इस विषय को गंभीरता से लेने व उचित कार्यवाही करने का निवेदन किया और कहा की कम से कम अस्पताल के बाहर से बुज़ुर्ग, बीमार लोगों व गर्भवती महिलाओं को बस में चढाहने व उतारने की व्यवस्था की जाए ताकि बीमार लोगों को परेशानी ना हो। वीरेंदर शर्मा ने कहा की यह जनहित में किये जाने वाला सेवा का कार्य है, इसमें किसी का कोई निजी स्वार्थ नहीं है।

सुविधा पुनः बहाल की जाए: विजय मौर्या  

परवाणू के युवा समाज सेवी विजय मौर्या ने कहा कि बीमार लोगों को चढ़ाने व बस से उतारने के लिए परवाणू ईएसआई के बाहर बस रुकनी चाहिए, क्यूंकि बस अड्डे से अस्पताल तक चल के जाने में मरीज़ों को बहुत परेशानी होती है। विजय ने सरकार से निवेदन किया की बीमार सवारियों के लिए यह सुविधा पुनः बहाल की जाए।

सूचना विभाग को दें, उचित कार्यवाही की जाएगी: राम दयाल

परवाणू क्षेत्रीय प्रबंधन राम दयाल ने बताया की सभी बसों को परवाणू ईएसआई अस्पताल के बाहर बीमार लोगों, बुज़ुर्गों व गर्भवती महिलाओं को बस में चढाने व उतारने के आदेश दिए गए हैं और इन आदेशों की पालना भी की जा रही है। राम दयाल ने कहा कि हमारी और से पुलिस विभाग को भी कहा गया है की ऐसी किसी भी बस का चालान न करे जो मरीज़ सवारियों को चढाने व उतारने के लिए अस्पताल के बाहर रूकती है। राम दयाल ने कहा कि इस विषय पर कहने की आवश्यकता ही नहीं है, क्यूंकि मरीज़ लोगों, बुज़ुर्गों की सहायता करना हमारी सामाजिक व नैतिक जिम्मेदारी भी है। यदि कोई बस ड्राइवर ऐसा नहीं करता है तो उसकी सूचना विभाग को दें ताकि उचित कार्यवाही की जाए।

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