आवाज़ ए हिमाचल
ब्यूरो,हारोली
10 फरवरी।उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की धर्मपत्नी सिम्मी के निधन से पूरा प्रदेश शोक में डूबा है।सिम्मी ने 12 फरवरी को बाथू में माता का जागरण रखा था, मौत के कुछ घंटे पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर लोगों से इस जागरण में भाग लेने का।आग्रह भी किया था।वे स्वयं माता के जागरण की तैयारियों में जुटी हुई थीं।सिम्मी का माता चिंतपूर्णी के प्रति गहरी आस्था थी। विधानसभा चुनाव में मुकेश अग्निहोत्री की धमाकेदार जीत के दौरान प्रो. सिम्मी ने हरोली से पैदल यात्राकर माता चिंतपूर्णी सहित अन्य शक्तिपीठों में शीश निभाया था।मुकेश अग्निहोत्री के राजनीतिक जीवन में प्रो. सिम्मी का अहम योगदान था। प्रो. सिम्मी को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के राजनीतिक कार्यक्रमों में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए अकसर देखा जाता था। आकस्मिक निधन से मुकेश अग्निहोत्री और बेटी आस्था पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। प्रो. सिम्मी की अंतिम यात्रा के दौरान मुकेश अग्निहोत्री और बेटी आस्था ने पार्थिव देह को कंधा देकर मुखाग्नि दी।इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी अग्निहोत्री परिवार के साथ रहे।मुख्यमंत्री ने भी प्रो. सिम्मी पार्थिव देह को कंधा दिया।विधानसभा में अपने साथी मुकेश अग्निहोत्री को सांत्वना देते समय मुख्यमंत्री अपने आंसू नहीं रोक पाए तथा फफक फफक कर रो पड़े।यहां बता दे कि शुक्रवार दोपहर को डॉ. सिम्मी अग्निहोत्री अपने घर में सोई हुई थीं। इसी दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई। जिसकी जानकारी बेटी आस्था अग्रिहोत्री ने शिमला में कैबिनेट की मीटिंग ले रहे डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री को दी। जिसके बाद डिप्टी सीएम के भाई डॉक्टर राकेश अग्निहोत्री गोंदपुर जयचंद पहुंचे और सिम्मी अग्निहोत्री की तबीयत चेक कर अपने अस्पताल ले आएं। जहां से उन्हें चंडीगढ़ स्थित मैक्स अस्पताल ले जाने का फैसला लिया गया। इसी बीच डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री भी शिमला से वापस घर की लौट पड़े। बताया जा रहा है कि सिम्मी अग्निहोत्री को चंडीगढ़ ले जाते हुए डिप्टी सीएम नंगल में मिल गए और साथ ही आगे चल पड़े। लेकिन सिम्मी अग्निहोत्री अचेत थी। पंजाब के रोपड़ पहुंचने पर सिम्मी अग्निहोत्री की मौत हो गई। इसकी पुष्टि चंडीगढ़ स्थित मैक्स अस्पताल में ले जाने के बाद डॉक्टरों ने की।
शनिवार को डॉक्टर सिम्मी अग्निहोत्री का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हजारों लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। पैतृक गांव गोंदपुर जयचंद में बेहद गमगीन माहौल के बीच डॉक्टर सिम्मी को अंतिम विदाई दी गई। मुकेश, बेटी आस्था और सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अर्थी को कंधा दिया। बेटी ने मुखाग्नि दी। सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई विधायक और प्रदेश सरकार के लगभग सभी कैबिनेट मंत्री भी उपमुख्यमंत्री के निवास पर पहुंचे।शुक्रवार की सुबह जब डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री शिमला जा रहे थे, तो उनकी पत्नी सिम्मी अग्रिहोत्री ने भी साथ जाने की बात कहते हुए कपड़े बगैरह पैक कर लिए। लेकिन उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने शाम को वापस घर लौटने की बात कहते हुए मना कर दिया। जिसके चलते सिम्मी अग्रिहोत्री अपने पति मुकेश अग्रिहोत्री के जाने के बाद घर में सो गई थीं।
डॉ. सिम्मी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में लोक प्रशासन विभाग में प्रोफेसर थीं। उनकी एक पुस्तक ‘इंपावरिंग ट्राइब्स, अ पाथ टू वर्ड्स सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ प्रकाशित हुई है। इसका लोकार्पण राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने करीब तीन माह पहले किया था। सामाजिक और धार्मिक कार्यों में डॉ. सिम्मी की रुचि अधिक रही। सिम्मी का जन्म 29 सितंबर 1968 को मंडी शहर में हुआ था। सिम्मी की दो छोटी बहनें हैं। सिम्मी ने एमए और पीएचडी हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला से की। उनकी शादी 8 अप्रैल 1992 को मुकेश अग्निहोत्री से हुई। सिम्मी सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जानी जाती थीं। उन्हें भारत रत्न डॉक्टर आंबेडकर अवार्ड नारी शक्ति पुरस्कार से भी नवाजा गया था।