‘पठानकोट से लेकर मंडी तक सभी बाजार बचाए तो शाहपुर को ही क्यों उजाड़ा जा रहा?’

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विरोध में शाहपुर बाजार बचाओ संघर्ष समिति ने शुरू की क्रमिक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल

आवाज ए हिमाचल

बबलू सूर्यवंशी, शाहपुर। बरसात के बाद पठानकोट-मंडी फोरलेन निर्माण कार्य जोर पकड़ने लगा है। इस फोरलेन जद में सौ साल पुराना शाहपुर बाजार भी आ गया है। शाहपुर बाजार बचाने को लेकर दुकानदार पिछले दो साल से संघर्ष कर रहे हैं। अब फिर से शाहपुर बाजार बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले शाहपुर बाजार के दुकानदारों ने आज शनिवार से क्रमिक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी।

इस मौके पर स्थानीय दुकानदार नवनीत शर्मा, सचिन महाजन, प्रतीक महाजन, सतीश कुमार गुप्ता और कमल कुमार आदि ने ‘आवाज ए हिमाचल’ से विषेश बातचीत में बताया कि वे पिछले लगभग दो साल से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। कई बार मुख्यमंत्री, मंत्री और स्थानीय नेताओं से शाहपुर बाजार को बचाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया है।

 

नवनीत शर्मा ने बताया कि उनकी मुख्य मांग है कि पुरानी तहसील कार्यालय से पुलिस स्टेशन शाहपुर तक फ्लाईओवर बनाया जाए, यदि फ्लाईओवर संभव न हो तो सड़क की चौड़ाई को कम कर 28 मीटर में फोरलेन बनाया जाए। उन्होंने बताया कि बाजार के बीचों-बीच स्थित बंदला पुल की चौड़ाई 24 मीटर रखी जा रही है तो फिर दुकानों को 36 से लेकर 48 मीटर में क्यों तोड़ा जा रहा है। उनकी मांग है कि बाजार में सड़क की चौड़ाई कम किया जाए। यदि ये भी संभव न हो तो शाहपुर में बाईपास बनाया जाए, ताकि बाजार बचा रहे और हजारों परिवारों की रोजी रोटी न छिने।

उन्होंने कहा कि पठानकोट से लेकर मंडी तक सभी बाजारों को उजाड़ने से बचाया जा रहा है, तो फिर शाहपुर को ही क्यों उजाड़ा जा रहा है?  उन्होंने कहा कि अगर शाहपुर बाजार को उजड़ने से बचा लिया जाएगा तो लगभग एक हजार लोगों की रोजी रोटी छिनने से बच सकती है। समिति के सदस्यों ने बताया कि एक तरफ सरकार रोजगार देने की बात करती है, लेकिन यहां तो स्वरोजगार लोगों का रोजगार ही छीना जा रहा है। अभी फिलहाल दुकानदारों की क्रमिक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल रहेगी। अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती तो ये हड़ताल और भी तेज की जाएगी, जिसमें आमरण अनशन और चक्का जाम तक शामिल है।

दुकानदारों ने बताया कि शाहपुर में एक दुकान का मार्केट रेट एक करोड़ रुपए है, जबकि सरकार ने मात्र तीन और चार लाख के बीच में मुआवजा दिया है। अगर हम बाहर जाकर दुकान लेते हैं तो हमें मार्केट रेट पर ही दुकान मिलेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुआवजा राशि भी जबरदस्ती कोर्ट का डर दिखाकर लोगों के खाते में डाली गई है। वह मुआवजा वह वापिस देने को भी तैयार हैं। दुकानों के बदले जो मुआवजा दिया जा रहा है वह ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है।
उन्होंने कहा कि पहली डीपीआर में फ्लाईओवर का ही प्रावधान ही था, जिसे बिना तकनीकी सलाह लेकर रद्द किया गया, इसमें बाजार के 350 दुकानदारों को विश्वास में नहीं लिया गया।
इस मौके पर नवनीत शर्मा, सचिन महाजन, सुनील वर्मा, प्रदीप महाजन, कमल कुमार, अरुण महाजन, जगदीश राज, सोनू राजा, राघव,  जितेंद्र वर्मा, बंटू, श्याम सुंदर, तनु महाजन, अंकित शर्मा, अंकित कौशल, नितिन कौशल, अभिषेक, पंकज कुमार, नीरज महाजन, नीतीश महाजन, कमर किशोर, श्याम सुंदर, राजेंद्र सहगल, विपिन वर्मा, सचिन महाजन, प्रवीन कुमार, पंकज महाजन, भूपेंद्र जरियाल, नितिन पठानिया, कंचन दीवान, मनदीप सिंह, चरण दास और उमेश शर्मा मौजूद रहे।

 

 

 

 

 

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