आवाज ए हिमाचल
05 फरवरी।पठानकोट-मंडी फोरलेन योजना के तहत कंडवाल से सियूणी तक व्यवसायिक परिधि में आती भूमि वाले प्रभावित हो रहे लोगों को सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे को टरकाऊ नीति कहते हुए स्पष्ट किया है कि इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।सरकार प्रभावितों की भूमि का अधिग्रहण कर रही है या जबरन छीनने पर लगी हुई है। प्रभावितों को मिलने वाले नाममात्र मुआवजा राशि को लेकर संघर्ष समिति नूरपुर के पदाधिकारियों की एक अहम बैठक भड़वार में समिति अध्यक्ष दरबारी सिंह की अध्यक्षता में हुई। जिसमें सरकार की छीनने वाली नीति का विरोध किया गया और चेताया कि सरकार अपनी कथनी अनुसार फैक्टर दो के हिसाब से चार गुणा मुआवजा तय करे, अन्यथा अब आर पार का रण होगा।
बैठक में तमाम पदाधिकारियों की ओर से एकमत होकर आगामी रणनीति के लिए विचार विमर्श किया गया। बैठक में निर्णय लिया कि सरकार चार सालों से प्रभावित हो रहे लोगों को सिर्फ मूर्ख ही बनाने का काम कर रही है और लोगों की मांगों को लगातार अनसुना करती आ रही है। यदि उपरोक्त योजना पर सरकार शीघ्र प्रभावितों की मांगों पर गौर नही करती तो प्रभावित अब अपने हक की खातिर सड़कों पर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे। अध्यक्ष दरबारी लाल ने कहा कि पिछले चार सालों से प्रभावित हो रहे हजारों परिवार पहले ही बहुत नुकसान झेल चुके हैं। सरकार का दिल नही पसीजा और अब बहुमूल्य भूमि का नाममात्र मुआवजा देकर उनके हकों पर कुठाराघात कर रही है, लेकिन प्रभावितों द्वारा अब आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी।
समिति प्रेस सचिव बलदेव पठानिया ने सरकार की मुआवजा के प्रति ढुलमुल नीति का कड़ा विरोध करते हुए तल्ख अंदाज में सरकार को चेताया कि सरकार हमारी बहुमूल्य जमीनों को छीन रही है न कि खरीद रही है। प्रभावितों की लाखो रुपए बहुमूल्य वाली प्रति मरले की कीमत वाली भूमि बहुत कम मूल्य प्रति मरला आंकलन करना भद्दा मजाक है। बलदेव पठनिया ने सरकार को सलाह दी कि यदि सरकार के पास धन की कमी है तो सरकार फोर लेन का निर्माण 24 मीटर से लेकर 28 मीटर तक की सरकारी भूमि पर ही निर्माण करके कंडवाल से सियूनी तक का विस्तारीकरण करके हम तमाम प्रभावित होने वाले किसानों, मजदूर वर्ग, दुकानदार भाइयों पर रहम करे और चार वर्ष से चल रही राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों व भू-अधिग्रहण अधिकारियों के मध्य चल रही व्यवस्था पर विराम लग सके।
समिति सदस्यों अनुसार इतनी कम कीमत पर हम तमाम प्रभावित भू अधिग्रहण नहीं होने देंगे। बैठक में सभी पदाधिकारियों ने एकमत होकर सहमति जाहिर करते हुए सड़कों पर उतरने का फैसला लिया। इस अवसर पर समिति के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।