आवाज़ ए हिमाचल
श्री मुक्तसर साहिब। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वयोवृद्ध नेता और पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल आज पंचत्तव में विलीन हो गए। मुक्तसर जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बादल में पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र सुखबीर बादल ने उन्हें मुखाग्नि दी। गांव के शमशानघाट में जगह कम होने के कारण उन्हें खुद के बाग में ही मुखाग्नि दी गई।
वहीं इस गमगीन माहौल में मौजूद लोगों ने प्रकाश सिंह बादल अमर रहे के नारे लगाए। पुलिस की स्पेशल टुकड़ी ने बादल को अंतिम सलामी दी। श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान, पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, एन. सी.पी प्रमुख शरद पवार, कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, डॉ. बलजीत कौर, श्री दरबार साहिब की प्रमुख ग्रंथी, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार आदि पहुंचे।
बता दें कि मंगलवार को प्रकाश सिंह बादल का निधन हो गया था। पिछले कई दिनों से वह फोर्टिस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थे। उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी, जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कई दिन पहले उन्हें आई.सी.यू. में शिफ्ट किया गया था, जहां उनकी हालत स्थिर बनी हुई थी। उनके निधन के साथ ही पंजाब की राजनीति का एक बुलंद सितारा अस्त हो गया। स्व. बादल उन बिरले राजनेताओं में हैं, जिन्होंने शासन की कमान ‘राज नहीं सेवा’ के मंत्र को मुख्य रख कर संभाली। 95 साल की उम्र तक सियासत में सक्रिय रहने के कारण उन्हें राजनीति का बाबा बोहड़ (दिग्गज) कहा जाता था।