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बबलू सूर्यवंशी, शाहपुर। न्यू मिलेनियम इंटरनेशनल स्कूल लदवाड़ा में मंगलवार को ग्रैंड पेरेंट्स डे की खूब धूम रही।स्कूलों में आयोजित कार्यक्रम के दौरान बेस्ट दादा दादी का चयन भी किया गया। बेस्ट दादी का अवॉर्ड राधा प्रकाश ने हासिल किया, जबकि सुपर दादू लक्ष्मीकांत शर्मा रहे।कार्यक्रम में नन्हे बच्चों ने डांस व गाने गा कर दादा दादी व नाना नानी का स्वागत किया।
स्कूल अध्यापिका दीक्षा जसरोटिया ने मंच संचालन बखूबी ढंग से किया। इस दौरान छोटे-छोटे बच्चों की ओर से रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। दो बच्चों ने हनुमान चालीसा का गुणगान कर माहौल भक्तिमय बना दिया। स्कूल स्टाफ ने कार्यक्रम में आए अभिभावकों के स्वागत में ‘सजा दो घर गुलशन सा” भजन का गायन किया। यूकेजी क्लास के बच्चों ने दादी-दादी के स्वागत में गाने पर नृत्य कर सबका मन मोह लिया। गुबारे फोड़ने की प्रतियोगिता में आरव, समीहा और हिमालिका विजेता रहे।
इस दौरान साहित्यकार व रिटायर्ड अध्यापक रमेश मस्ताना ने बच्चों व अभिभावकों को संबोधित हुए सबसे पहले सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बच्चों में छुपी प्रतिभा को सामने लाने के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि समय के साथ सब कुछ बदल रहा है। पहले की अपेक्षा शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी बदलाब देखने को मिल रहा है। पेश से अध्यापक रहे रमेश मस्ताना ने साहित्य के क्षेत्र में काफी नाम कमाया है। मस्ताना ने लगातार खत्म हो रही संयुक्त परिवार प्रणाली पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसे इस युग का एक संक्रमण करार दिया। उन्होंने दादा-दादी और अभिभावकों को अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने का आग्रह किया।
इस दौरान उन्होंने एक गजलनूमा कविता सुनाई, जिसका शीर्षक है ‘मेहमान हो गए हैं’। उन्होंने बताया कि उनकी कविता की चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं और पांचवीं की तैयारी चल रही है। इसके बाद उन्होंने एक और कविता सुनाई जिसका शीर्षक “मंहगाई दा पटराला मित्रो”, जिसे सुनकर सभी ने जोरदार तालियां बजाकर उनकी सराहना की। अंत में उन्होंने स्कूल प्रबंधन के साथ-साथ खासकर सुरेश राणा और अनुराधा राणा को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी।
स्कूल चेयरमैन सुरेश राणा ने अपने संबोधन में सबसे पहले आए हुए दादी-दादी और और नाना-नानी का इस कार्यक्रम में आने पर धन्यवाद किया। उन्होंने सभी को विश्वास दिलाया कि उनके बच्चों का भविष्य संवारने के लिए स्कूल प्रयासरत है।
स्कूल प्रिंसीपल अनुराधा राणा ने कहा कि इस तरह के आयोजन का हमारा मुख्य उद्देश्य बच्चों में अच्छे संस्कार लाना है, ताकि वे अपने माता-पिता, दादा-दादी तथा अन्य बुजुर्गों का सम्मान करें। बच्चों को बताया जाता है कि उन्हें अपने से बड़ों तथा छोटो का सम्मान करना चाहिए। इसके साथ-साथ उन्हें अपने सनातन धर्म से रिलेटेड भी शिक्षा दी जाती है। स्कूल में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने के साथ-साथ समय-समय विभिन्न एक्टिविटीज का आयोजन कर बच्चों को हर प्रकार की क्रियाओं में आगे रखने का प्रयास रहता है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में आए बुजुर्गों ने बच्चों में पढाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में आ रहे सकारात्मक परिवर्तन के लिए स्कूल प्रबंधकों का आभार व्यक्त किया है।