आवाज ए हिमाचल
16 मार्च। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा सदन में हिमाचल सरकार से जल जीवन मिशन और अन्य योजनाओें के लिए बजट के बंटवारे पर श्वेत पत्र मांगा। मुकेश ने कहा कि सरकार श्वेत पत्र जारी करे कि जल जीवन मिशन, दूसरे प्रोजेक्ट का और अन्य मसलों का कितना बजट आया, इस बारे में स्थिति स्पष्ट की जाए। अग्निहोत्री ने कहा कि दो-तीन हलकों में ही बजट बांट दिया गया है।
उन्होंने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। इस पर सीएम जयराम ठाकुर ने मुकेश अग्निहोत्री को टोकते हुए कहा कि उनके मंत्री रहते भी उनके क्षेत्र में काम हुए हैं। भेदभाव के आरोप उन्होंने खारिज किए। इस पर मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में ही तंज किया कि अभी तो शुरुआत ही की है। लगता है कि तीर गहरा लग गया है। वह कागजों के आधार पर बात कर रहे हैं।
बजट की सिंचाई, जलापूर्ति एवं सफाई पर अनुदान मांगों पर सदन में कांग्रेस के 11 विधायकों और 12वें माकपा विधायक राकेश सिंघा की ओर से रखे कटौती प्रस्ताव पर चर्चा में सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने भाग लिया। सदन में अग्निहोत्री ने कहा कि दो-तीन विधानसभा हलकों तक ही विकास कार्यों के सीमित होने का मामला उठाया गया है।उन्होंने हिमाचल प्रदेश में विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप लगाया तो इस पर जयराम ठाकुर ने उन्हें टोकते हुए कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र में पहले कई समस्याएं थीं। कुछ काम उन्होंने भी किए तो अन्यथा नहीं लिया जाना चाहिए। मुकेश की ओर उन्होंने इशारा कर कहा कि वह जब मंत्री थे तो उन्होंने भी अपने हलके में काम करवाए हैं।
इस बीच दोनों में ही हल्की नोकझोंक भी हुई। मुकेश ने कहा कि प्रदेश में संतुलित नौकरियां मिलनी चाहिए। दो ही क्षेत्रों में नौकरियां दी गईं। उन्होंने सदन में विधायकों की ओर इशारा कर कहा – हम इतने लोग यहां बैठे हैं, इनका भी भला करो।कांग्रेस कार्यकाल के समय के पद मंजूर थे, वे भी अपने क्षेत्रों के लिए डायवर्ट कर दिए गए। इसलिए तौर-तरीके सही नहीं हैं। इस बारे में वह तो आग्रह ही कर सकते हैं कि हो क्या रहा है। दूसरे हलकों का भी ख्याल किया जाए। मुकेश के बाद चर्चा में डलहौजी की कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने भाग लिया। उन्होंने भी सरकार पर बजट आवंटन में भेदभाव के आरोप लगाए।