आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल की भोलीभाली जनता ही नहीं, सोशल मीडिया पर सूबे के नेताओं से लेकर बड़े अधिकारी भी साइबर ठगों के निशाने पर हैं। साइबर ठग मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और केंद्रीय विवि धर्मशाला के कुलपति सहित सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों के फर्जी अकाउंट बनाकर इनके रिश्तेदारों और लोगों से पैसों की मांग कर चुके हैं। व्हाट्सएप पर भी लिंक भेजकर लोगों से ठगी कर रहे हैं।
प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी फेसबुक अकाउंट दो-दो बार हैक हो चुका है। पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी और पूर्व परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर के नाम से भी साइबर ठग लोगों से ठगी कर चुके हैं। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप का भी फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया जा चुका है। करीब चार महीने के भीतर सोशल मीडिया पर प्रदेश के 43 अफसरों के फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाए जा चुके हैं। इनमें जिला उपायुक्तों के साथ, पुलिस अधीक्षक और सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। चार महीने में साइबर थाने में ठगी की 500 शिकायतें दर्ज हुई हैं। कई मामले दर्ज भी किए गए हैं। साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ने से सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। लोगों का तो यहां तक कहना है कि जब सरकार के अधिकारी और नेता ही महफूज नहीं है तो आम जनता का क्या होगा।
पीएम ने हर जिले में साइबर थाना खोलने के दिए थे निर्देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बढ़ते साइबर अपराध को लेकर विभिन्न राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ बैठक की थी। उन्होंने राज्यों के हर जिले में साइबर थाने खोलने और उचित स्टाफ मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। पुलिस को साइबर अपराध से निपटने के लिए प्रशिक्षण देने की बात भी कही थी। इसके बाद हिमाचल में भी हर जिले में साइबर थाना खोलने की तैयारी शुरू हो गई थी।
पहले चरण में मंडी और धर्मशाला में साइबर थाने खोले गए थे। इनमें स्टाफ भी मुहैया करवाया गया था। इसके बाद हिमाचल में सत्ता परिवर्तन हो गया। सत्ता में आते ही सुक्खू सरकार ने ये दोनों थाने बंद कर दिए। अब मात्र शिमला में ही हिमाचल का एक साइबर थाना है। इस थाने में प्रतिदिन साइबर अपराध से जुड़ीं 30 से 35 शिकायतें दर्ज हो रही हैं।