आवाज़ ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर
11 फरवरी। नूरपुर सिविल अस्पताल में तैनात पहली महिला एम्बुलेंस चालक अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनती जा रही है। हमीरपुर जिला की रहने वाली नैंसी बीकॉम ग्रेजुएट हैं, लेकिन बचपन के शौक ने उन्हें एम्बुलेंस चालक बना दिया।
नैंसी बताती है कि बचपन से ही उन्हें वाहन चलाने का शौक था और धीरे धीरे वह वाहन चलाने में माहिर होती गई। उन्होंने बताया कि अपनी माता से प्रेरित होकर उन्होंने चालक बनने का निर्णय लिया और आज बतौर एम्बुलेंस चालक वह सेवाएं दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि आज महिलाओं को अपने सपने पूरे करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। समाज और रिश्तेदारों के तानो के कारण कई महिलाएं अपने सपने पूरे नहीं कर पाती। उन्होंने कहा कि उनके साथ भी ऐसा ही हुआ लेकिन उन्होंने मन में ठान लिया था कि वह चालक ही बनेंगी।
नैंसी का कहना है कि आज महिलाएं हर जगह अपनी काबिलियत का परचम लहरा रही हैं। नैंसी ने अन्य महिलाओं और युवतियों को सन्देश देते हुए कहा कि कोई भी कम छोटा या बड़ा नहीं होता। काम को अगर पूरी मेहनत और लगन से किया जाए तो एक दिन सफलता जरूर मिलती है।