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शांति गौतम, बीबीएन। ख्याति प्राप्त जैन मुनि श्री पीयूष जी महाराज का अपने दो अन्य जैन मुनियों के साथ चंडीगढ़ प्रवास के बाद वीरवार को बद्दी पहुंचे। उनकी यह प्रवास यात्रा बद्दी, हरिपुर, पट्टा से कसौली तक होगी। बद्दी में जैन मुनि अपने साथ अन्य जैन मुनिओं के साथ क्योरटेक कंपनी पहुंचे जहाँ सौंपने के मैनेजिंग डायरेक्टर सुमित सिंगला और उनकी माता दर्शना देवी उनका स्वागत किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर के संत जैन मुनि श्री पीयूष जी महाराज जी क्योरटेक कंपनी के अधिकारिओं और कर्मचारिओं को कहा कि मेहनत, कर्मठता, ईमानदारी और सच्चाई से जुड़कर ही मनुष्य उच्च जीवन स्तर जी सकता है। उन्होंने कहा कि गत वर्षों में मानवता ने कोरोना जैसी महामारी का सामना किया उस जैसी महमारिओं से भविष्य में मानवता को बचने के लिए आगामी समय में किसी भी धरम से जुड़कर ही मानव जीवन को सुरक्षित जी सकते हैं। उन्होंने कहा की दुनिया का प्रत्येक धरम मानवता की भलाई की ही शिक्षा देता है और मानवता की निस्वार्थ सेवा और गरीबों की मदद से ऊपर कोई धर्म नहीं है।
इस अवसर पर श्री पियूष जी महाराज ने श्रद्धालुओं को जीवन जीने की कला, मानवीय मूल्यों और जीवन के उद्देश्यों तथा राष्ट्रवाद सहित कईं विषयों पर अपना मार्गदर्शन दिया। श्रद्धेय पियूष जी ने बहुत ही आसान शब्दों में बहुत ही बहुमूल्य विचार उदाहरण सहित बताएं।इस अवसर पर उन्होंने सुमित सिंगला और उनके परिवार की समाज सेवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि समाज में जहाँ आजकल युवा जीवित माता पिता और भाइयों को सम्मान नहीं देते वहीँ क्योरटेक हाउस में सुमित सिंगला ने अपने पिताजी और बड़े भाई का बूत स्थापित कर उनको नियमित रूप में याद किया जाता है. जिससे सभी को प्रेरणा मिलती है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि जैन धरम सनातन धरम के सिद्धांत भी यही कहते हैं कि धर्मों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड जैसी बिमारियों और महामारी से बचने हेतु धरम के अनुरूप जीवन यापन करना चाहिए जिसमें ब्रह्म महूरत में सुबह 3 से 5 बजे उठना और सायंकाल में सूर्यास्त के पश्चात कुछ भी न खाना स्वस्थ्य जीवन का आधार बन जाता है का अनुसरण आवश्यक है।उन्होंने देश, अपने शहर और शरीर की स्वच्छता की और अधिक ध्यान देने की अपील की।
इस अवसर पर क्योरटेक ग्रुप के अधिकारी जिनमें दीपक, अंशु अग्गरवाल, रोहित, रितेश और प्रणव शर्मा भी उपस्थित थे।