आवाज ए हिमाचल
26 अप्रैल। कुल्लू ज़िला से निजी बस ऑपरेटर भूपेश नंदन ने राजेश पराशर और रमेश कमल को स्वंय भू नेता करार देते हुए कहा कि जिनके पास एक भी बस नहीं वे तीन मई से बसों को बंद करने की बात कर रहे हैं। तीन मई से प्रदेश में निजी बसें नहीं रुकेंगी और लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान करेंगी। जिस बैठक में स्वयं भू नेताओं ने बसों को बंद रखने का निर्णय लिया उसमें 50 बस ऑपरेटर भी शामिल नहीं हो सके थे, वहीं बैठक में बसों का संचालन स्थगित करने, चक्का जाम, भूख हड़ताल, आत्मदाह संबंधी किसी भी मुद्दे पर आम राय नहीं बन सकी है।
भूपेश नंदन ने इन दोनों के खिलाफ मोर्चा खाेलते हुए कहा कि वर्ष 2018 में प्रदेश यूनियन का कार्यकाल पूरा होने के बाद भी आज दिन तक प्रदेश यूनियन की बैठक आयोजित नहीं करवाई जा रही है, जिसका मुख्य कारण पूर्व कार्यकारणी के सदस्य अपने निजी हित के चलते ऐसा कर रहे हैं। गत कुछ दिन पूर्व सरकार द्वारा इंटर स्टेट एग्रीमेंट में रूट परमिट प्रकाशित किए जाना भी प्रदेश यूनियन की नाकामी को साफ तौर पर दर्शाती है।
प्रदेश यूनियन टैक्स माफ़ी और आर्थिक पैकेज मुहैया कराने का आठ माह से ढोंग रच रही है, जिसकी आड़ में प्रदेश कार्यकारणी के कुछ सदस्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित कर अपने निजी कार्य निकलवाने के चक्कर में हैं और आम बस ऑपरेटरों काे बेवकूफ बना रहे हैं। तीन मई से प्रदेश के अंदर बसों का संचालन स्थगित करने का प्रदेश के अधिकांश बस ऑपरेटरों का अभी तक कोई इरादा नहीं है।
भूपेश नंदन ने बताया आगामी कुछ दिनों में प्रदेश स्तर की बैठक का आयोजन संभावित है जिसमें सरकार और परिवहन विभाग से वार्तालाप का प्रारूप तय किया जाएगा और मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, प्रधान सचिव (परिवहन), निदेशक परिवहन से समय लेकर विस्तारपूर्ण चर्चा अमल में लाई जाएगी। स्वयंभू प्रदेशाध्यक्ष राजेश पराशर और महासचिव रमेश कमल पर आरोप लगाते हुए कहा कि कि प्रदेश कार्यकारणी को उस समय संघर्ष की याद आ रही है जब संपूर्ण भारतवर्ष कोरोना संक्रमण की चपेट में है और परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर कोरोना संक्रमण के चलते आईजीएमसी शिमला में लड़ाई लड़ रहे हैं।