आवाज़ ए हिमाचल
10 मार्च। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग की प्रारंभिक जांच में अयोग्य पाए गए 45 निजी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को 19 और 20 मार्च को तलब किया गया है। इन प्रिंसिपलों से इनकी योग्यता पर उठे सवालों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। आयोग ने नोटिस जारी कर इन कॉलेजों के प्रिंसिपलों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया है। सभी कॉलेजों की बात सुनने के बाद आयोग की ओर से अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में 45 निजी कॉलेजों के प्रिंसिपल अयोग्य पाए गए हैं। आयोग ने 61 कॉलेजों की जांच की है। इनमें 16 कॉलेजों के प्रिंसिपल योग्य पाए गए हैं। जांच के दौरान संस्कृत, नर्सिंग, मैनेजमेंट और डेंटल कॉलेजों से एक भी प्रिंसिपल मानकों पर सही नहीं उतरा है। आयोग अभी 100 और कॉलेजों के दस्तावेज खंगाल रहा है।अयोग्य करार दिए प्रिंसिपलों के कॉलेजों को आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इन कॉलेजों पर आरोप है कि प्रिंसिपलों की नियुक्ति से पहले संबद्ध विश्वविद्यालयों से मंजूरी नहीं ली, नियमित प्रिंसिपल नियुक्त नहीं किए, नियुक्ति प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया, तकनीकी शिक्षा बोर्ड से भी मंजूरी नहीं ली गई है।
यूजीसी के हिसाब से शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन
निजी शिक्षण संस्थान यूजीसी के नियमों के मुताबिक शिक्षकों को वेतन भी नहीं दे रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान कई संस्थानों ने विद्यार्थियों से पूरी फीस ली जबकि शिक्षकों को वेतन कम दिया गया। शिक्षकों के वेतन से काटा गया पैसा कहां गया, इसका भी कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में कई संस्थान संदेह के घेरे में हैं।