आवाज़ ए हिमाचल
नाहन। हिमाचल प्रदेश में अपनी तरह की पहली भगवान श्रीजगन्नाथजी की 15वीं रथ यात्रा ओडिशा के पुरी की तर्ज पर रविवार को नाहन शहर के भ्रमण पर निकली। सिरमौर जिला ही नहीं, अपितु हिमाचल के विभिन्न जिलों के अलावा उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से हजारों की तादात में श्रद्धालु नाहन शहर में उमड़े। इस दौरान नाहन शहर पूरा भक्तिमय हो गया। श्रीजगन्नाथ रथ यात्रा मंडल के सौजन्य से 15वीं रथ यात्रा में करीब तीन किलोमीटर का दायरा श्रद्धालुओं से उमड़ा पड़ा था। हिमाचल के ऐतिहासिक व पौराणिक भगवान श्रीजगन्नाथ मंदिर बड़ा चौक से रविवार सुबह भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा की प्रतिमाओं को पूरी पूूजा-अर्चना के बाद पालकियों में सवार होकर हिंदू आश्रम मार्ग से होते हुए चौगान मैदान तक रथ में रखा गया। छप्पन भोग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा रथ पर आरूढ़ हो गए। नाहन का ऐतिहासिक चौगान मैदान भी शहर की इस ऐतिहासिक रथ यात्रा का गवाह बना, जहां पर हजारों की तादात में श्रद्धालु सुबह से ही रथ को खींचने के लिए व्याकुल थे।
यही नहीं, हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी जाति धर्म के श्रद्धालु रंग-बिरंगे परिधानों में भगवान श्रीजगन्नाथ जी की रथ यात्रा में शामिल हो रहे थे। जाति, धर्म व वस्त्र का रंग भले ही अलग-अलग था, परंतु श्रद्धालुओं ने केवल एक रंग एक समान था जो भगवान श्रीजगन्नाथ जी की आस्था का रंग था। वहीं महिला, पुरुष, नन्हे बच्चे, वृद्ध, युवा पीढ़ी हर वर्ग के लोग भगवान श्री जगन्नाथ जी के रथ को खींचने के लिए व्याकुल थे। रथ को दोनों ओर से रस्सी से बांधकर श्रद्धालुओं की लंबी-लंबी कतारें नाहन शहर की सडक़ों पर कदम-कदम बढ़ाकर आगे खींच रहे थे। सबसे बड़ी बात यह रही कि जो श्रद्धालु रथ को खींच रहे थे वह रथ के साथ पूरी तरह से नंगे पांव भगवान श्री जगन्नाथ जी की रथ यात्रा के गवाह बने।