आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। पारम्परिक कुश्ती नालवाड़ी मेले का प्रमुख आकर्षण केन्द्र है। इस प्राचीनतम पंरम्परा को कायम रखने के लिए आयोजक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। नालवाड़ी मेले में कुश्ती प्रतियोगिताओं के उदघाटन अवसर पर अध्यक्ष नलवाडी मेला कुश्ती प्रतिस्पर्धा आयोजन समिति एवं पुलिस अधीक्षक बिलासपुर कार्तिकेन गोकुलचन्द्रन ने नलवाडी मेले में कुश्ती प्रतियोगिता केेउदघाटन अवसर पर यह विचार प्रकट किये।
उन्होंने बताया कि इस बार मेले में महिलाओं को कुश्ती के लिए प्रोत्साहित करने के उदेश्य से महिला कुश्ती प्रतिस्पर्धा का अयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुश्ती की परम्परा को कायम रखने व इसके अस्तित्व को बचाए रखने के लिए मेले व त्योहार अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।उन्होंने कहा कि नालवाड़ी मेलेे के दौरान राष्ट्रीय स्तर के खिलाडी इस प्रतियोगिता मेे शामिल होंगे। इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजन्द्र जस्वाल भी उपस्थित थे।
उन्होंनें कहा कि मेले व त्योहार हिमाचल प्रदेश में कुश्ती की परम्प्रा को साकारात्क रूप आगे बढ़ाने के लिए अपने दायित्व का निर्वाहन कर रहे है जो कि प्रसंशनीय है।उन्होंने कहा कि कुश्ती शारिरीक प्रतियोगिता है जिसके खेल व व्यायाम का समावेश रहता है। युवाओं को इस और आकर्षित कर उन्हे नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा सकता है ऐसे आयोजनो के माध्यम से युवाओ को इस क्षत्र में प्रोत्साहित कर आगेे बढने के लिए मंच मिलता है। नालवाड़ी मेला की प्रथम दिवस में कुश्ती प्रतियोगिता में 103 पहलवानों ने अपना दमखम दिखया जिसमें 101 पुरूष पहलवानों ने तथा 02 महिलाओं पहलवानों ने कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लिया।