नाबालिगा से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी को 12 वर्ष का कारावास

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आवाज़ ए हिमाचल

सोलन, 13 अप्रैल।  सोलन पोक्सो कोर्ट की विशेष अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. परविंद्र सिंह अरोड़ा ने नाबालिग लड़की से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने के आरोपी को दोषी करार दिया है। उत्तर प्रदेश निवासी इस युवक को 12 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही दोषी को 10 हजार रुपए जुर्माना भी किया गया है।

जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 4 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास काटना होगा। अदालत ने पीड़िता को 5 लाख रुपए का मुआवजा भी प्रदान करने के आदेश दिए हैं।

जिला न्यायवादी महेंद्र कुमार शर्मा ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि बद्दी में युवक मनी कश्यप किराए के कमरे में रहता था। 1 जनवरी 2018 में उसने पीड़िता जोकि उस समय 16 साल की थी, को शादी का प्रस्ताव दिया, जिसे नाबालिगा न ठुकरा दिया।

 

इसके पश्चात 17 जून, 2018 को वह लड़की को अपने कमरे में ले गया और उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। 19 जून, 2018 को वह लड़की को अपने साथ पंजाब में अपनी भाभी के घर ले गया और वहां भी उसने जबरन संबंध बनाए। 20 जून को वह अपनी भाभी के घर से उसको ले गया और करीब एक माह तक जगह-जगह घुमाता रहा। इस दौरान भी वह उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। लड़की ने अपने पिता से बात करने की इच्छा भी जाहिर की लेकिन वह मना करता रहा।

एक दिन वह लड़की की बात को मान गया और उसके पिता से उसकी बात कराई। 26 जुलाई, 2018 को नाबालिगा उसी युवक के साथ बद्दी आई, जहां पर टोल टैक्स बैरियर के समीप पुलिस ने उसे धर दबोचा। नाबालिगा को उसके पिता के हवाले कर दिया गया। पीड़िता के पिता की शिकायत पर बद्दी पुलिस ने पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पीड़िता के बयान भी न्यायाधीश के सामने ही दर्ज किए गए। इसके बाद अदालत में चालान पेश किया गया। मंगलवार को पोक्सो कोर्ट सोलन के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. परविंद्र सिंह अरोड़ा की अदालत ने आरोपी को दोषी करार देते हुए 12 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

 

दोषी को 10 हजार रुपए का जुर्माना भी किया गया है, जिसे अदा न करने पर अतिरिक्त 4 माह का साधारण कारावास भुगतना होगा। इसके अतिरिक्त अदालत ने सरकार को पीड़िता को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिए जाने के भी आदेश दिए हैं। इस मुआवजा राशि के 80 प्रतिशत की एफ.डी.आर. पीड़िता के नाम पर की जाएगी जबकि 20 प्रतिशत राशि का भुगतान उसके पुनर्वास के लिए प्रदान किया जाएगा। सरकार की ओर से मामले की पैरवी स्पैशल पब्लिक प्रोसीक्यूटर सुनील दत्त वासुदेवा ने की।

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