स्वागत द्वारों पर अंकित होगा नादौन के धार्मिक एवम ऐतिहासिक स्थलों का इतिहास
आवाज ए हिमाचल
बबलू गोस्वामी, नादौन। नादौन क्षेत्र धार्मिक, ऐतिहासिक, एवम व्यपारिक दृष्टि से हिमाचल में काफी प्रसिद्ध है जहां नादौन में कटोच बंशज के राजाओं के महलों के कारण ऐतिहासिक ख्याति प्राप्त किये हुए है बही यहां का पातशाही गुरुद्वारा अपने आप में सिख धर्म की वीरता एवम एवम आस्था का प्रतीक है मां ज्वाला के परम भक्त ध्यानू के पवित्र समाधि जहां नादौन के व्यास नदी के किनारे विद्यमान है वही राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त बेला का खेल स्टेडियम युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। यही नहीं नादौन विधानसभा क्षेत्र में ओर कई ऐतिहासिक एवम धार्मिक स्थल है जो अपना इतिहास स्वयं बयान करते है लेकिन विडम्बना की बात ये रही कि इन धार्मिक एवम ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए आज दिन तक न किसी राजनेता ने कोई पहल की ओर न ही स्थानीय प्रशासन ने इनको विकसित करने के लिए न कोई तबज्जो दी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही जिस तरह से ऐतिहासिक फैसले लिए है एवम प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने का फैसला लिया है उसकी पहल नादौन में भी दिखाई देनी शुरू हो गई है प्राप्त समाचार के अनुसार मुख्यमंत्री सुक्खू ने नादौन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए 1 करोड़ 28 लाख का बजट स्वीकृत किया है जिसके तहत नादौन विधानसभा के सीमाओं पर पर्यटकों के स्वागत के लिए स्वागत द्वार बनाये जाएंगे। इन स्वागत द्वारों पर पर्यटकों को आकर्षित करने हेतू उनके मार्गदर्शन के लिए नादौन के सारे धार्मिक, एवम ऐतिहासिक स्थलों के नाम उनके इतिहास सहित अंकित होगें। मुख्यमंत्री सुक्खू ने लोकनिर्माण विभाग को अतिशीघ्र इस कार्य का अमलीजामा पहनाने के आदेश दिए है।
प्राप्त समाचार के अनुसार ये स्वागत द्वार मंडप के पास, मसेह खड्ड के पास एवम व्यास नदी के पुल के पास बनाये जाएंगे। नादौन को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए कॉग्रेस के बरिष्ठ नेता डॉ मोहन लाल कौंडल, जय प्रेम सिंह, विकास बलोरिया, सुरिन्दर ठाकुर सुन्नी, संदीप कुमार दीप, प्रवीण चौधरी, कुलदीप पटियाल, राजेश कुमार पिंका ने मुख्यमंत्री सुक्खू की इस पहल की सराहना की है। वही इस बारे में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी दीपक कपिल ने बताया कि इस कार्य का टेंडर होते ही अतिशीघ्र कार्य शुरू कर दिया जाएगा।