नाटक ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ में नन्हे बच्चों ने खूब दिखाए अभिनय के रंग

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सरस्वती विद्या मंदिर के छात्र प्रिंस ने निभाया राजा का खूबसूरत किरदार

आवाज़ ए हिमाचल 

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा लिखित नाटक ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ का बिलासपुर में नन्हे बच्चों द्वारा नाट्य रूपांतर प्रदर्शित किया गया जिसमे बच्चों ने अभिनय के खूब जलवे दिखाए। भाषा एवम संस्कृति विभाग के सौजन्य से इस नाट्य रूपांतर को बिलासपुर रंगमंच के उड़ान थिएटर ग्रुप द्वारा तैयार करवाया गया। जिसका कार्यशाला के समापन पर पूरी साज सज्जा के साथ आधुनिक तरीके से प्रदर्शन किया गया। 12 दिनों तक चली इस कार्यशाला में बच्चों को रंगमंच की बारीकियां सिखाई गई ।

खास बात यह भी रही कि पहली बार मंच पर अभिनय करके बच्चों ने दर्शकों से जहां खूब तालियां बटोरीं वही यह भी दिखा दिया कि प्रतिभा की कहीं भी कोई कमी नहीं है लेकिन कमी है तो केवल मंच की। नाटक के मंचन में सरस्वती विद्या मंदिर रौडा सेक्टर के छात्र प्रिंस शर्मा ने राजा का बेहतरीन अभिनय करके दर्शकों की खूब तालियां बटोरी तो वहीं मंत्री बने नक्श ने राजा के साथ जोरदार साथ दिया। सब्जी वाली का सुंदर किरदार निभाते हुए नन्ही बच्ची अश्विका ठाकुर ने चार चांद लगा दिए। उर्वी आचार्य ने पीड़िता का और सौम्या पुंडीर ने सिपाही के रोल में खूबसूरत डायलॉग डिलिवरी से समां बांधा।

वही,अंधेर नगरी चौपट राजा नाटक की कहानी से समाज को एक संदेश यह भी दिया गया है कि लालच करने से व्यक्ति हमेशा अपना ही नुकसान कर बैठता है।

समापन में जिला सेशन जज पुरेंद्र वैद्य बतौर मुख्यतिथि शामिल हुए। उन्होंने कार्यशाला में भाग लेने वाले बच्चों को भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जिस तरह से सभी बच्चों ने अभिनय किया है उससे साफ झलक मिलती है कि आने वाले समय में बिलासपुर में रंगमंच काफी ऊंचाइयों पर जाएगा । उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चे मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की ओर बढ़ते झुकाव से भी बचे रहेंगे और उनमें आत्मविश्वास भी पैदा होगा।

उन्होंने उड़ान थिएटर ग्रुप को भी बधाई दी और समाज को कोई न कोई संदेश देने वाले ऐसे नाटक तैयार करते रहने का सुझाव दिया।
इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने बच्चों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनकी प्रस्तुतियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी इस तरह की कार्यशालाएं लगाई जाएंगी ताकि बच्चों को आधुनिकता की चकाचौंध से दूर रखा जा सके। वहीं, नाटक में अभिनय करने वाले नन्हे बच्चों ने बताया की उन्हें इस नाटक के मंचन में बहुत मजा आया और बहुत कुछ सीखने को मिला।

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