आवाज़ ए हिमाचल
सुंदरनगर। प्रदेश में नशे के खिलाफ समाज के हर वर्ग को आगे आकर देवभूमि हिमाचल की पवित्रता को बनाए रखना होगा। इसके साथ समाज में दिव्यांग बच्चों को और अधिक प्रोत्साहन देने के लिए मिलकर कार्य की जरूरत है। यह बात सोमवार को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने मंडी जिला के दो दिवसीय दौरे के दौरान सुंदरनगर में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कही।
इस दौरान शिव प्रताप शुक्ला ने सुंदरनगर के दिव्य मानव ज्योति सेवा ट्रस्ट बाल गृह डैहर, दिव्यांग बच्चों के आईसीएसए संस्थान, सिविल अस्पताल और ओल्ड एज होम भंगरोटू का दौरा कर व्यवस्थाओं को जांचा गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि दिव्यांग बच्चों के आईसीएसए केंद्र की बच्चियों का बाहरी राज्यों में शानदार प्रदर्शन अभिभूत करने वाला है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों को और अधिक संरक्षण देने की जरूरत है और इनके उत्थान को लेकर सरकार कार्य भी कर रही है। शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि इस देवभूमि को अधिक से अधिक अच्छा बनाने को लेकर सभी को साथ मिलकर कार्य करना होगा। प्रदेश में नशे के प्रचलन को लेकर समाज के हर वर्ग को आगे आकर कार्य कर दूर करना चाहिए।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटे अनाज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘श्री अन’ की पहचान दी है। भारत की भूमि को श्री यानि लक्ष्मी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि भारत में मोटे अनाज को किसानों द्वारा पहले खेतों में उगाया जाता था। समय परिवर्तन के साथ इसमें कमी आई है। किसानों को मोटा अनाज लगाने का लाभ प्राप्त नहीं होता था। लेकिन अब लाभ मिलना शुरू हो गया है। मोटे अनाज को विकसित करने के लिए जहां केंद्र सरकार कार्य कर रही है।
वहीं हिमाचल प्रदेश की सरकार को भी प्रयत्न करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने टीबी उन्मूलन को लेकर कार्य कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा इसके उन्मूलन को लेकर वाराणसी में कही गई बातें पर सभी राज्यों की सरकारें कार्य कर रही हैं। शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि जब वह सांसद के तौर पर चुने गए थे तो उस समय भी उनके द्वारा टीबी के मरीज को गोद लिया था। वहीं अब राज्यपाल के तौर पर हिमाचल में भी उनके द्वारा टीबी के मरीज को गोद लेकर इसके उन्मूलन को लेकर प्रयत्न किया जाएगा।