नगर परिषद जोगिन्द्र नगर की अनुमति के बिना नहीं लगेगें उद्योग, ग्रामीण क्षेत्रों का होगा शहरीकरण

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आवाज ए हिमाचल

जतिन लटावा,जोगिंद्र नगर

01 मई।नगर परिषद जोगिंद्र नगर ने साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को अगले 20 साल का मास्टर प्लान तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है। इससे साथ लगते क्षेत्रों का शहरीकरण कर उन्हें आधुनिक सुविधाओं का लाभ दिलाया जाएगा। शहर की तर्ज पर स्ट्रीट लाईटों व गार्बेज कलेक्शन की सुविधा का लाभ भी मिलेगा। अनछुए पर्यटन स्थल भी विकसित होगें। इससे पर्यटकों की आमद का विस्तार होगा। शहर में आर्थिकी सुदृढ़ होगी। शुक्रवार को जोगिंद्र नगर में संपन्न हुई टाउन व कंटरी प्लानिंग की महत्वपूर्ण बैठक में इन तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। जिसमें एसडीएम डाॅ मेजर विशाल शर्मा ने बतौर मुख्यातिथी शिरकत कर नगर परिषद क्षेत्र व उसके साथ लगते इलाकों में स्वच्छता, सुंदरीकरण समेत पक्के रास्तों के निर्माण के अलावा कचरे के वैज्ञानिक ढंग से निष्पादन को लेकर अपने सुझाव दिए।

मंडी जिला के टाउन प्लानर प्रदीप ठाकुर ने बैठक की अध्यक्षता कर नगर परिषद जोगिंद्र नगर के आगामी 20 साल के लिए सुविधाओं और संसाधनों पर करवाए गए सर्वे की जानकारी दी। जिसमें शहर की सुंदरता, स्वच्छता पर तैयार किए गए प्रारूप पर चर्चा हुई।

शहर में बढ़ेगी पार्किंग सुविधा, बस अड्डे का भी होगा विस्तार

नगर परिषद जोगिंद्र नगर के विकास पर आगामी 20 साल के तैयार प्रारूप में शहरी क्षेत्र में पार्किंग सुविधा के लिए चिन्हित स्थानों पर भी चर्चा हुई। वार्ड स्तर पर पार्किंग की सुविधा बढ़ेगी। बस अड्डे के विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई। वहीं कचरे की डपिंग को लेकर चिन्हित स्थान में आगमी 20 साल तक कचरे के निष्पादन से सबंधित तैयार प्रारूप पर स्थानीय नगर परिषद के कनिष्ठ अभियंता ने अपने सुझाव सांझे किए। करीब दो घंट तक चली इस महत्वपूर्ण बैठक में नगर परिषद के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से सबंधित मास्टर प्लान पर आपत्ति और सुझाव लेने पर भी निर्णय लिया गया। टीसीपी के कनिष्ठ अभियंता संजय कुमार ने बताया कि योजना के तैयार प्रारूप पर विस्तृत चर्चा की गई है। आपति और सुझाव आने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।

 ग्रामीण क्षेत्रों को भी भवन निर्माण की लेनी पड़ेगी अनुमति

नगर परिषद जोगिंद्र नगर में टीसीपी की बैठक में आगामी 20 साल के तैयार मास्टर प्लान में जहां ग्रामीण क्षेत्र को शहर की हर वह सुविधाएं उपलब्ध होगी लेकिन भवन निर्माण के लिए नगर परिषद की अनुमति भी लेनी पड़ेगी। औद्योगिक क्षेत्र भी विकसित होगा। नगर परिषद की अनुमति के बिना कोई भी उद्योग व कारोबार नहीं खोला जा सकेगा। मंडी जिला के टाउन प्लानर प्रदीप ठाकुर ने बताया कि नगर परिषद के लिए आगामी 20 साल के नए मास्टर प्लान के ड्राफ्ट पर चर्चा हुई है। पंचायत प्रतिनिधियों, ग्रामीणों के सुझाव व आपत्तियो के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।

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