ध्यान साधना हेतु निरन्तर करें ॐ प्राणायाम

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आवाज़ ए हिमाचल

बबलू सूर्यवंशी, शाहपुर। विकास खंड रैत के अंतर्गत पड़ने वाले गुब्बर गांव के महिला मंडल में महिलाओं और बच्चों कॊ केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम आयुष एवं वेलनेस सेंटर विभाग के तहत योग प्रशिक्षिका आशा कुमारी और अनुराधा शर्मा द्वारा विभन्न योगासन, सूक्ष्म व्यायाम करवाए गए, जिसमें प्रणव ध्यानयोग विशेषतः करवाया गया।

इस पर विस्तार से जानकारी देते हुए योग इंस्ट्रक्टर उद्यालक शर्मा ने बताया कि इस प्राणायाम में दीर्घ एवं सूक्ष्म गति से साँस लेते एवं छोड़ते समय श्वास की गति इतनी सूक्ष्म होनी चाहिए कि स्वंय को भी साँस लेने की ध्वनि की अनुभूति न हो तथा नासिका के छेदों पर अगर रूई भी रखी हो तो वो भी न हिले इस प्रकार श्वास प्रश्वास का लयबद्ध निरन्तर प्रयास करने पर जो कि सूक्ष्म होकर दस से बीस सेकण्ड में क्रमशः श्वास का आवागमन होने पर यह लम्बे अभ्यास से एक मिनट तक पहुंच जाता है़। ॐकार रूपी इस प्राणायाम से मनुष्य के सूक्ष्म शरीर के सुप्त आठ चक्र जो कि निम्न स्थान से प्रारम्भ होते हुए उपर तक क्रमशः मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपूरक, अनाहत, विशुद्वि, आज्ञा, मनश्च, सहस्रार तक निरन्तर अभ्यास से जाग्रत हो जाते हैं तथा यह ध्वनि रहित साधना साधक कॊ एकाग्रचित कर गहन मौन में ले जाकर फिर इंद्रियों का मन में, मन का प्राण में, प्राण का आत्मा में और आत्मा का परमात्मा में विलय हो जाता है़। संक्षेप में अष्टांग योग में यह प्राणायाम ध्यान, धारणा, समाधि तीनों योग साधना सोपानों का पूरक हैं।
गांव की स्थानीय महिलाओं सुषमा आशा, पिंकी, रितिका, अंजू, इन्दु, अंचल, ज्योति, सुनीता, दीपा राजकुमारी, सपना, ममता, उषा कमलेश, प्रेमलता आदि ने इस अभ्यास क्रिया को ध्यान से सुना।

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