धुलारा-द्रम्मनाला-थकौली वाया जतरेटा कूहल बंद होने से 100 हेक्टेयर भूमि हुई बंजर, किसान परेशान

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जल शक्ति विभाग सोया कुम्भकर्णी नींद, लोगों ने स्थानीय दुकानदारों पर कूहल में कूड़ा-करकट फैंकने का लगाया आरोप

आवाज ए हिमाचल

 संदीप महाजन, सिहुंता। धुलारा-द्रम्मनाला-थकौली वाया जटरेता की सिंचाई कूहल कई दिनों से बन्द पड़ी हुई है। आलम यह है कि अवैध धुलारा बाजार में एक तो कूहल के ऊपर अवैध रूप से स्थानीय दुकानों ने स्लैप डाल रखे हैं। दूसरी ओर इन्ही दुकानदारों ने अपनी दुकान के आगे न तो कोई डस्टबिन रखा हुआ है जिस और न ही पंचायत स्तर पर कोई डस्टबिन मुहैया करवाया गया है। किसानों का आरोप है कि स्थानीय दुकानदार कुहल में खाली बोतलें और कूड़ा-करकट कूहल में फैंकते हैं, जिस कारण कूहल में बहुत ज्यादा कचरे के साथ गंदगी भरी पड़ी है। यही कारण है कि भारी बारिश होने पर कूहल का सारा पानी बाजार में जमा हो जाता है, जिससे आने-जाने वाले राहगीरों को मुश्किल हो जाती है। ये कूहल जल शक्ति विभाग के अधीन आती है, लेकिन लगता है जल शक्ति विभाग भी कुम्भकर्णी नींद सोया है।

गौर रहे कि इस कूहल के पानी से लगभग तीन पंचायतों के लोग खेती के लिए सिंचाई करते हैं, लेकिन कूहल में कूड़ा-करकट जमा होने, जगह जगह गंदगी के ढेर लगने और सिंचाई योग्य पानी न मिलने से 100 से अधिक हेक्टेयर भूमि बंजर हो गई है। किसानों ने मांग की है कि स्थानीय दुकानदारों की ओर से कूहल के ऊपर डाले गए स्लैप को उखाड़ा जाए, क्योंकि स्लैप डले होने के कारण कूहल की सही ढंग से सफाई नहीं हो पाती है।

इस पर स्थानीय ग्राम पंचात घुलारा के उप-प्रधान नरोत्तम सिंह राणा ने जल शक्ति विभाग से मांग की है कि कूहल के ऊपर जो अवैध रूप से स्लैप डाल रखे हैं उनको उखाड़ा जाए और जो स्थानीय दुकानदार कूहल में कूड़ा आदि फेंक रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। इसके अलावा कुल को भारी बरसात में काफी नुकसान हुआ है कौन जगह जगह से टूट चुकी है। उन्होंने संबंधित विभाग से मांग की है कि इस कूहल की जल्द से जल्द मुरम्मत करवाई जाए, ताकि लोगों को सिंचाई योग्य पानी मिल सके और किसान अपनी बंजर पड़ी भूमि को फिर से फसल लगाने योग्य तैयार कर सकें।

इस बारे जल शक्ति विभाग एसडीओ राजेश्वर से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि हम हर बार कूहल की साफ-सफाई करते हैं, मगर स्थानीय दुकानदार इस कूहल में गंदगी डालने से बाज नहीं आते।

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