आवाज़ ए हिमाचल
13 अप्रैल। धर्मशाला में महापौर व उपमहापौर की ताजपोशी आज हो रही है। इस ताजपोशी से पहले 17 वार्डों के पार्षद शपथ लेंगे और उसके बाद ही महापौर व उपमहापौर चुनेंगे। अबकी बार जब चुनाव पार्टी चिन्ह पर हुए हैं तो स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट है। भाजपा की तरफ से आठ पार्षद, कांग्रेस की तरफ से पांच पार्षद तो चार निर्दलीय पार्षदों ने जीत की ताल ठोकी है। मजे की बात तो यह है कि अब जब शीर्ष पदों पर ताजपोशी होनी है तो ऐसे में भाजपा व कांग्रेस में से कोई भी स्पष्ट बहुमत में नहीं है।
भाजपा को भी निर्दलीयों का सहारा लेना पड़ रहा है तो कांग्रेस को भी निर्दलीयों से आस है। दो निर्दलीय भाजपा समर्थित तो दो निर्दलीय कांग्रेस समर्थित बताए जा रहे हैं।वहीं पूर्व मेयर रजनी देवी ने जीतने के दूसरे ही दिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से बैठकर करके नई चर्चाओं को जन्म दिया है। हालांकि बाद में उन्होंने चर्चाओं का खंडन भी किया। लेकिन यह सब कांग्रेस के लिए सही नहीं माना जा रहा है। वहीं भाजपा के खेमे में भी हलचल तेज है। महापौर के लिए ओंकार नेहरिया तो उपमहापौर के लिए निर्दलीय सर्वचंद का नाम सुझाया जा रहा है। हालांकि ऐसा होता है तो सांसद से लेकर उपमहापौर तक सभी एक ही समुदाय के शीर्ष पर होंगे।ऐसे में अन्य वर्गों को साथ लेकर चलतने का अड़ंगा इस ताजपोशी पर सामने आ रहा है।
वहीं निर्दलीय प्रत्याशी भी आंखें दिखा रहे हैं, अगर ताजपोशी न हुई तो बागी होकर दूसरे दल का दामन थामेंगे। वहीं, काग्रेस को पहले ही बहुमत का संकट है। कांग्रेस को सभी चार निर्दलीय प्रत्याशियों का साथ अपने महापौर व उपमहापौर बनाने के लिए चाहिए। ऐसे में हाउस में वोटिंग के दौरान क्रास वोटिंग की भी संभावनाएं प्रबल हैं। ऐसे में कौन पार्टी बाजी मारेगी यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी धर्मशाला आ रहे हैं। धर्मशाला में कोविड-19 की समीक्षा बैठक करेंगे। लेकिन इस समय मुख्यमंत्री का धर्मशाला आना अहम माना जा रहा है।