आवाज़ ए हिमाचल
16 अप्रैल। जीवन के लिए पानी जरूरी है। जब भी गर्मियां अाती हैं तो पानी का मूल्य पता चल जाता है। इस सीजन में जब पहाड़ों पर कम बर्फबारी हुई है अौर बारिश का पानी भी कम बरसा है, एेसे में लोगों के कंठ अभी से पेयजल बिना सूखने लगे हैं।विभाग के पास एेसी सूचनाएं भी अा रही हैं कि कुछ लोग टुल्लू पंप का प्रयोग पाइप में जोड़कर कर रहे हैं तो कुछ अपने वाहनों को धोने के साथ-साथ किचन गार्डनिंग भी इसी पेयजल से कर रहे हैं। यही नहीं कुछ तो एेसे हैं जिनकी टंकियां अोवर फ्लो करती हैं पर वह ध्यान नहीं देते अौर पानी बेकार बह जाता है। यहीं नहीं कई जगह पर विभाग भी लापरवाह है जहां विभाग की पाइपों में लीकेज का प्रतिशत अधिक है पर इस कार्य के तैनात स्टाफ अपना कार्य ईमानदारी से नहीं निभाता। खैर वजह जो भी हो, लेकिन पेयजल संकट से उभरने के लिए जरूरी है कि तमाम मार्गदर्शिका का पालन किया जाए अौर जल ही जीवन है इसे सत्य मानते हुए पेयजल को बेकार बहने से बचाया जाए।
45 पेयजल स्कीमें प्रभावित
धर्मशाला मंडल के तहत 45 पेयजल स्कीमें प्रभावित हो गई हैँ। जबकि मंडल में 430 पेयजल योजनाएं हैं। सभी में पेयजल स्तर में कमी अाई है। अाने वाले समय में इन योजनाओं में पेयजल में गिरावट अाती है तो लोगों को समस्या से दो चार होना पड़ेगा।
यह बोला अधिकारी ने
वहीं, जलशक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता सुरेश महाजन ने बताया कि कुछ पेयजल स्त्रोतों में पानी की कमी अाई है। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पानी को व्यर्थ गंवाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। लोगों से सहयोग का अाग्रह भी उन्होंने किया है।