आवाज़ ए हिमाचल
धर्मशाला। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित (केसीसी) प्रबंधन ने वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) को पूर्णतया लागू कर दिया है, जिससे बैंक प्रबंधन को उम्मीद है कि डिफाल्टरों के पास एनपीए (नान परफार्मिंग एसेटस) के तहत फंसी करोड़ों रुपये की रिकवरी की जा सके। इसके लिए प्रबंधन की ओर से सभी शाखाओं को भी निर्देश दिए जा चुके हैं। मौजूदा समय में एनपीए के तहत बैंक का 900 करोड़ रुपये डिफाल्टरों के पास फंसा हुआ है। जिस कारण बैंक का एनपीए 30 फीसद के करीब है।
बढ़ते एनपीए के चलते ही बैंक प्रबंधन ओटीएस को लेकर आया है और उम्मीद जाहिर की जा रही है कि एक साल तक चलने वाली ओटीएस से काफी हद तक धनराशि को वसूला जा सकेगा।
वहीं, त्योहारी सीजन के दौरान ऋण आवंटन योजनाओं में बैंक प्रबंधन की तरफ से दी गई प्रोसेसिंग फीस छूट की अवधि के दौरान बैंक ने 42 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। राष्ट्रीयकृत व निजी बैंकों को टक्कर देने को लेकर प्रोसेसिंग फीस में छूट दी थी, जोकि काफी हद तक बैंक के लिए अच्छे कारोबार के हिसाब से बेहतर रही है। उपरोक्त प्रोसेसिंग फीस छूट के अलावा बैंक प्रबंधन ने 31 अक्टूबर तक ऋण योजनाओं में ब्याज दरें भी कम की थी।
यह बोले बैंक प्रबंध निदेशक
बैंक के प्रबंध निदेशक विनोद कुमार के मुताबिक वन टाइम सेटलमेंट योजना को पूर्णतया लागू कर दिया गया है। इससे उम्मीद है कि एनपीए के तहत फंसी धनराशि ज्यादा से ज्यादा एक वर्ष में वसूल ली जाएगी। वहीं त्योहारी सीजन में ऋण योजनाओं में दी गई प्रोसेसिंग फीस छूट का भी उपभोक्ताओं ने लाभ उठाया है। जिसके चलते त्योहारी सीजन में 42 करोड़ रुपये का कारोबार बैंक ने किया है।