“द कश्मीर फाइल्स” एक मनगढ़ंत कहानी, फिल्म में कई झूठ पेश किए: उमर अब्दुल्ला 

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल 

श्रीनगर, 19 मार्च। नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स को एक मनगढ़ंत कहानी करार देते हुए कहा कि फिल्म में कई झूठ पेश किए गए हैं। कश्मीर से 1990 में जब कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ तब नेकां की सरकार नहीं बल्कि वीपी सिंह की अगुवाई में राज्यपाल जगमोहन का शासन था।

दक्षिण कश्मीर के जिला कुलगाम में एक रैली को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सबसे पहले तो यह ही स्पष्ट नहीं है कि द कश्मीर फाइल्स फिल्म है या एक वृत्तचित्र। “अगर यह एक वृत्तचित्र है तो यह ठीक था, लेकिन निर्माताओं ने खुद यह दावा किया है कि फिल्म वास्तविकता पर आधारित है। लेकिन यह सच्चाई नहीं है। सच तो यह है कि फिल्म में कई झूठों को दिखाया गया है।

सबसे बड़ी बात यह है कि इसे गलत तरीके से दिखाया गया है। जब कश्मीर में यह सब हुआ तब वहां नेकां की सरकार नहीं थी। तथ्य यह है कि जब कश्मीरी पंडितों ने 1990 में कश्मीर छोड़ उस समय जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन था। केंद्र में यह वीपी सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा समर्थित सरकार थी। यहां जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल जगमोहन हुआ करते थे।

उमर अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि 1990 में केवल कश्मीरी पंडित ही नहीं मारे गए थे और सिर्फ उन्होंने ही पलायन नहीं किया। वास्तविकता यह है कि पंडितों के साथ कई मुस्लिम और सिख भी मारे गए। उनके साथ काफी संख्या में मुस्लिम और सिख भी कश्मीर से चले गए जो अभी तक नहीं लौटे हैं।

उन्होंने कहा कि यह खेदजनक है कि कश्मीरी पंंडित कश्मीर से चले गए लेकिन नेकां ने हमेशा कोशिश की कि पंडितों की कश्मीर में सम्माजनक वापसी हो। लेकिन मुझे अफसोस से यह कहना पड़ रहा है कि द कश्मीर फाइल्स ने हमारी ऐसी योजनाओं को बिगाड़ दिया है परंतु बावजूद इसके कश्मीरी पंडितों को सुरक्षित वापस लाने के लिए अपना प्रयास जारी रहेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *