आवाज ए हिमचाल
19 फ़रवरी।देहरा की ग्राम पंचायत, थिल के सरारकर गांव में प्राकृतिक खेती पर आधारित कृषि शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के आरंभ में ही किसानों को कोरोना से बचाव हेतु सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा गया तथा मास्क भी बांटें गए।आतमा परियोजना की ओर से दीपक ठाकुर ने लगभग 30 किसानों के समूह को बताया कि सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि को अपना कर किसान जल सरंक्षण, पर्यावरण में शुद्धता, पोष्टिक उपज तथा जहरमुक्त फल और सब्जियां पैदा कर सकते हैं।
फसल सुरक्षा के घटक बनाने के लिए स्थानीय पौधो का प्रयोग किया जाता है। देशी नस्ल की गाय के गोबर और गौमूत्र से खाद बनाई जाती है।प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत सरकार की ओर से देसी नस्ल की गाय खरीदने एवं गोशाला के आधुनिकरण ओर संसाधन भंडार खोलने के लिए अनुदान राशि दी जाती है। मास्टर ट्रेनर कुलदीप शर्मा ने प्रशिक्षण के दौरान किसानों को बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, दरेकास्त्र, ओर ब्रहमास्त्र, व्यवहारिक रूप से बना कर दिखाए तथा मिश्रित खेती करने का तरीका एवं लाभ बताये। इस शिविर में प्रधान सुनील कुमार उपप्रधान प्रित पाल ओर पंचायत सैक्टरी जोगिंदर सिंह भी विशेष रूप से मौजूद रहे ।