आवाज ए हिमाचल
11 मई। दूरसंचार विभाग ने सोमवार को कहा कि 5जी तकनीक और कोरोना के प्रसार के बीच कोई संबंध नहीं है। विभाग ने लोगों से अपील की कि वे इंटरनेट मीडिया पर फैल रहे इस तरह के आधारहीन एवं फर्जी संदेशों से गुमराह न हों। विभाग ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि यह दावा गलत है और इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है कि देश में 5जी ट्रायल या नेटवर्क से कोरोना महामारी फैल रही है।
बयान में कहा गया कि विभिन्न इंटरनेट मीडिया मंचों पर गुमराह करने वाले कई संदेश फैले हुए हैं, जिनमें दावा किया गया है कि देश में महामारी की दूसरी लहर का कारण 5जी मोबाइल टावर के परीक्षण हैं। विभान ने कहा, ये संदेश गलत हैं और पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। इसलिए आम जनता को सूचित किया जाता है कि 5जी तकनीक एवं कोरोना के प्रसार में कोई संबंध नहीं है और उनसे अपील की जाती है कि वह इससे जुड़ी गलत सूचना एवं अफवाहों से गुमराह न हों।
भारत में अभी 5जी की टेस्टिंग ही शुरू नहीं हुई है। यह टेक्नोलॉजी काफी महंगी है और कोरोना काल में टेलिकॉम कंपनियां इतनी प्रतिस्पर्धा झेल रही हैं कि वह इस पर बहुत अधिक निवेश करने को उतावली फिलहाल नहीं नजर आ रही हैं। टेलिकॉम कंपनियों ने अभी 5जी टेस्टिंग के लिए जरूरी उपकरण तक नहीं खरीदे हैं। इन उपकरणों को खरीदने के लिए बहुत बड़े इंवेस्टमेंट की जरूरत होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 5जी टेस्टिंग के लिए चुनिंदा कंपनियों को इसी हफ्ते मंजूरी मिली है। सरकार ने इन कंपनियों को टेस्टिंग के लिए जरूरी उपकरण खरीदने के लिए दो महीने का समय दिया है। टेलिकॉम कंपनियां शुरुआत में सीमित उपकरणों के साथ सीमित क्षेत्रों में ही टेस्टिंग शुरू करने की तैयारी में हैं।