दिल्‍ली की सड़कों पर यह सख्‍त नियम आज से शुरू, न मानने वालों पर लगेगा भारी जुर्माना

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आवाज़ ए हिमाचल 

नई दिल्ली, 1 अप्रैल। देश की राजधानी दिल्ली में शुक्रवार से बसों और माल ढुलाई करने वाले वाहनों को तयशुदा लेन में चलना होगा। फिलहाल 15 दिन के लिए इस श्रेणी के वाहनों पर यह नियम अनिवार्य होगा। इसके बाद सभी प्रकार के वाहनों पर यह नियम लागू कर दिया जाएगा।

डीटीसी और क्लस्टर बसें स्टॉप पर बनाए गए बॉक्स के अंदर ही रुकेंगी। नियमों की अनदेखी करने पर बस चालकों पर कार्रवाई होगी। परिवहन विभाग की इंफोर्समेंट टीम, डीटीसी और क्लस्टर व ट्रैफिक पुलिस की 50 टीमें लेन ड्राइविंग सुनिश्चित करने के लिए सड़कों पर रहेंगी।

लेन ड्राइविंग के इन नियम का उल्‍लंघन करने पर वाहन चालकों के खिलाफ मोटर अधिनियम एवं दिल्‍ली पार्किंग स्‍थल अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी
नियम को सुनिश्चित कराने के लिए बकायदा दिल्‍ली ट्रैफ‍िक पुलिस  और दिल्‍ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की टीमें सड़कों पर तैनात होंगी, जोकि नियम का उल्‍लंघन करने वाली बसों और व्‍यवसायिक वाहनों के चालकों पर भारी जुर्माना जैसी सख्‍त कार्रवाई अमल में लाएंगी। इसमें जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाया जाएगा
नए नियम के तहत फर्स्‍ट फेज में चिन्हित की गई 15 प्रमुख सड़कों पर इसे लागू किया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की टीमें इन जगहों पर सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक तैनात रहकर नियम का पालन करवाएंगी।

पहले चरण में बसों को खास तवज्जो दी जाएगी, ताकि लेन में चलने से वाहनों की आवाजाही को सुलभ बनाया जा सके। हालांकि, लेन ड्राइविंग पर लागू होने वाली सख्ती के कारण सड़कों पर जाम की स्थिति बन सकती है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, बसों की सहूलियत के लिए लेन और बॉक्स बनाए गए हैं। निर्धारित लेन में ही उन्हें चलना होगा।

इस दौरान अगर बसों के लिए तय लेन में कोई दूसरा वाहन खड़ा किया जाता है तो उसे क्रेन से खींचकर ले जाया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने आम लोगों से भी अपील की है कि लेन ड्राइविंग के लागू होने में सहयोग करें। बसों के लिए नियत लेन को छोड़कर चलें, ताकि ट्रैफिक प्रबंधन में दिक्कत न आए। परिवहन विभाग की ओर से पहले ही नियमों का उल्लंघन करने वालों को हिदायत दे दी है।

पहली बार नियम तोड़ने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा। बार-बार नियमों को तोड़ने वालों के लाइसेंस और परमिट रद्द करने सहित उन पर मामला भी दर्ज किया जा सकता है। बसों के लिए दिल्ली की सभी सड़कों पर पहले चरण में इसे लागू किया जा रहा है।

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