आवाज ए हिमाचल
28 जनवरी। बिजली संशोधन विधेयक-2020 के विरोध में और पिछले दो महीने से चले आ रहे किसान आंदोलन के समर्थन में पूरे देश का पांच लाख बिजली कर्मचारी व इंजीनियर राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर तीन फरवरी को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर जा रहा है। इस दिन हिमाचल प्रदेश के अंदर इंप्लायज यूनियन ने पूरे प्रदेश में 11 से एक बजे तक मंडल व सर्किल स्तर पर धरना देने और उसके बाद स्थानीय बाजारों में रैली निकालने का निर्णय लिया है। ये शब्द नादौन में हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन की बैठक में प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहे। उन्होंने कहा कि इस दौरान संबंधित उपायुक्त या उपमंडल दंडाधिकारी के माध्यम से ऊर्जा मंत्री केंद्र सरकार को ज्ञापन भेजा जाएगा। बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग को नोटिस दिया जा चुका है। खरवाड़ा ने प्रदेश के समस्त कर्मचारियों, इंजीनियरों, पेंशनरों व बिजली उपभोक्ताओं से एकजुट होकर आंदोलन में उतरने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि अभी तक बिजली संशोधन विधेयक-2020 संसद में पारित नहीं हुआ है, लेकिन इससे पहले ही केंद्र सरकार ने चंढीगड़ सहित अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली निजीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है और ओडिशा में बिजली का निजीकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि देश के किसान संगठन तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन विधेयक-2020 को वापस करवाने और कृषि उत्पादों पर एमएसपी सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर पिछले 63 दिनों से आंदोलनरत हैं। इस अवसर पर यूनियन के प्रदेश सहसचिव पंकज परमार, स्थानीय इकाई के अध्यक्ष नीति भारद्वाज ने भी कर्मचारियों से धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील की।