आवाज़ ए हिमाच
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर
29 मई।सेवा करने का जब भी अवसर मिले बिना सोचे और समय गवांए किसी की भी सहायता करनी चाहिए। कोरोना काल भले ही विपत्तियां लेकर आया है,लेकिन इसमें अपने पराए का बोध भी हुआ है। इस काल को सुनहरा अवसर मानकर मानवता की सेवा करनी चाहिए। ऐसा मानना है युवा मनोज कुमार का। कोर्ट रोड़ बिलासपुर में सहगल अस्पताल के पास रहने वाले मनोज कुमार ने पिछले साल जब कोरोना लाॅकडाउन और कर्फ्यू लगा था तो सड़क पर डयूटी देने वाले पुलिस कर्मियों के लिए चाय,कॉफी व नाश्ता आदि की सेवा का कार्य शुरू किया। चेतना चैक पर एक समय की चाय,कॉफी की सेवा मनोज की रूटीन बन गया। अब जब फिर से कर्फ्यू की स्थिति बनी है तो मनोज शुरू से ही अपनी सेवा में जुट गए हैं। पुलिस विभाग के कर्मचारी मनोज कुमार की सेवा से काफी प्रभावित है। निस्वार्थ सेवा भाव से अपनी सामर्थय अनुसार लोगों के लिए अलग अलग तरीकों से मदद कर मनोज समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। पेशे से फ्रूट आदि बेचकर अपनी आजीविका चलाने वाले मनोज कुमार टाडू चैक पर डयूटी देने वाले पुलिस कर्मियों की सेवा करते हुए आज भी देखे जा सकते हैं। हालांकि कई बार पुलिस कर्मियों ने उन्हे इसके लिये मना भी किया, लेकिन मनोज कुमार का सेवाभाव निरंतर जारी है। मनोज का मानना है कि पूरे देश में इस आपदा के समय सभी अपने अपने स्तर पर मानवता की सेवा ही कर रहे है चाहे वह पुलिस वाले ही क्यों न हो। इस कर्फयू और लाकडाउन में पुलिस कमी चिल्लचिलाती धूप में दिन भर सडकों पर खडे होकर कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मोर्चे पर डटे रहते हैं। मनोज कुमार बताते हैं कि उन्होंने अपने बचपन में मुफलिसी का दौर भी देखा है पिता जी का साया सिर से उठ जाने के बाद मां ने विपरीत परिस्थितियों में उन्हें काबिल बनाया है। माता को गुजरे हुए भी चार साल का समय हो गया है। मनोज कुमार का कहना है कि यह दौर कई मायनों में मानवता को सीख दे रहा है, ऐसे में इन हालातों से कोई कितना सीखता है, यह उसके विवेक पर निर्भर करता है। लेकिन जीवन के बनते बिगड़ते समीकरणों में निस्वार्थ से की गई सेवा ही कहीं न कही काम आती है। उन्होंने युवाओं से भी अपनी उर्जा समाजिक गतिविधियों में लगाने की अपील की है।