आवाज ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा,बिलासपुर
11 मई। हिमाचल में संस्कृत को पुष्पित पल्लवित तथा संपूर्ण जीवन संस्कृत को समर्पित करने वालों की पंक्ति में डॉ भक्तवत्सल शर्मा जी का नाम भी अग्रणी था । उनके इस असामायिक निधन से प्रदेश के संपूर्ण संस्कृत जगत् में शोक व्याप्त है। यह बात हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डॉ मनोज शैल ने कही। उन्होंने कहा कि संस्कृत को व्यवहारिक बनाने में संस्कृत भारती के माध्यम से उन्होंने नींव का कार्य किया है। वे संस्कृत की अनेक संस्थाओं से जुड़ कर संस्कृत कार्य को गति प्रदान करते रहे।

अभी हाल ही में वे हिमाचल संस्कृत अकादमी के सचिव व सनातन धर्म संस्कृत महाविद्यालय डोहगी जिला ऊना से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके इस असामायिक निधन पर हिमाचल संस्कृत अकादमी के सचिव डॉ केशवानंद कौशल, सेवानिवृत्त प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष गुरु नानकदेव विश्वविद्यालय अमृतसर डॉ लेखराम शर्मा, पूर्व सचिव संस्कृत अकादमी डॉ मस्तराम शर्मा, संस्कृत महाविद्यालय प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ मुकेश शर्मा व उनके सहयोगियों , हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् के प्रदेशाध्यक्ष डॉ मनोज शैल, महासचिव डॉ अमित शर्मा, कोषाध्यक्ष श्री सोहनलाल, संरक्षक डॉ दुनीचंद शर्मा , डॉ अरुण शर्मा, उपाध्यक्ष अमरसेन, जंगछुब नेगी, संगठन मंत्री योगेश अत्रि, आईटी सचिव विवेक शर्मा, आई टी संयोजक अमनदीप शर्मा, जिला ऊना के अध्यक्ष श्री बलवीर एवं महासचिव डॉ शिवकुमार तथा परिषद् की सभी प्रदेश व जिला कार्यकारिणी ने गहरा दु:आ प्रकट किया है।

हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद् के प्रदेशाध्यक्ष डॉ मनोज शैल ने बताया कि परिषद् बुधवार सायं 6 बजे फेसबुक लाइव के माध्यम से उनको अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करेगी जिसमें अनेक विद्वान भाग लेंगे।

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