उन्होंने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित ढंग से यौन सम्बन्ध अपनाने से, संक्रमित सिरिंज और नीडल के इस्तेमाल से, संक्रमित व्यक्ति के खून को चढ़ाने से तथा संक्रमित माँ से उसके होने वाले बच्चे को एचआईवी एड्स हो सकता है यदि हम सावधानी रखें तो इस बीमारी से अपने आपको बचा सकते है। इस दिवस पर स्कूल के बच्चों की भाषण प्रतियोगिता भी करवाई गई जिसमें 17 बच्चों ने भाग लिया। जिसमे खुशी प्रथम स्थान पर, आयुष शर्मा द्वितीय स्थान पर, और मीनाक्षी तृतीय स्थान पर रहे। स्वास्थ्य विभाग ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतियोगियों को नगद इनाम दिए। इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल हंस राज सांडिल ने बच्चों को कहा कि इस बीमारी से अपने आप भी बचे और लोगो को भी इस बीमारी के बारे में जागरूक करें।
उन्होंने बच्चों को नशे से बचने की भी सलाह दी। इस अवसर पर किशोर स्वास्थ्य काउंसलर बिलासपुर मैडम सुरक्षा कंवर ने स्कूल के बच्चों को किशोरावस्था में आने वाले शारीरिक , मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक बदलाव के बारे में विस्तार पूर्वक बताया, कंवर ने बताया कि किशोरवस्था एक संवेदनशील अवस्था होती है और इस आयु में बच्चे कई वार बुरी संगत में जाकर नशे के आदि हो जाते है और अपराधी तक बन जाते है। उन्होंने बच्चों को पोषण, मानसिक स्वास्थ्य, यौन रोगों, गैर संचारी रोगों के बारे में भी विस्तार पूर्वक बताया।इस अवसर पर किशोर स्वास्थ्य काउंसलर मैडम सुरक्षा कंवर,महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता डुमैहर कांता ठाकुर, स्कूल के अध्यापक मीनाक्षी, कश्मीर सिंह, अरविंदर, सुनीता, नमना , सुधा शर्मा, राजेन्द्र ठाकुर, तिलक राज ,विजय ,होशियार सिंह,नरोत्तम दत्त , आशा कार्यकर्ता सोनिका, तृप्ता देवी विजय देवी और स्कूल के 134 बच्चे उपस्थित थे।