डाईट प्रिंसिपल को दी छात्रा ने लिखित शिकायत, इस वर्ष भी थ्योरी में किए थे सबसे अधिक अंक प्राप्त
आवाज़ ए हिमाचल
अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर। पिछले वर्ष डीएलएड प्रशिक्षण प्रथम वर्ष में प्रदेश भर में द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा दिपांशी ठाकुर ने इस वर्ष भी डीएलएड द्वितीय वर्ष में भी थ्योरी में प्रदेश भर में सबसे अधिक अंक प्रात किए, परन्तु प्रैक्टिकल में डाईट की तरफ से डाईट प्रशिक्षुओ में सबसे कम अंक दिए, जिसकी वजह से दिपांशी ठाकुर का प्रदेश भर में कोई मैरिट नहीं आ सकी और जिला भर में भी द्वितीय स्थान पर संतोष करना पड़ा।
दिपांशी ठाकुर ने डीएलएड प्रथम वर्ष में 1200 में से 1065 अंक प्राप्त करके प्रदेश भर में द्वितीय स्थान प्राप्त किया था। इस वर्ष में दिपांशी ठाकुर ने डीएलएड द्वितीय वर्ष की परीक्षा में प्रदेश भर में सबसे अधिक 800 में से 734 अंक प्राप्त किये वहीं डाईट की तरफ से दिपांशी को प्रैक्टिकल में 200 में से मात्र 140 अंक दिए गए, जिसके बाद दिपांशी ठाकुर के कुल अंक 1000 में से 874 आए।
हैरानी की बात है कि डाईट जुखाला में बाकी सभी प्रशिक्षुओ को प्रैक्टिकल में 200 में से अधिकतम 180 तथा बाकी सभी को 160 व 170 के बीच में अंक दिए गए हैं, केवल मात्र दिपांशी ठाकुर को ही सबसे कम अंक 140 दिए गये हैं। यदि दिपांशी ठाकुर को भी बाकी प्रशिक्षुओ की तरह 180 या 170 अंक दिए जाते तो दिपांशी एक बार फिर प्रदेश मैरिट में आ जाती। दिपांशी ठाकुर कक्षा में सबसे होनहार छात्रा है, जिसके चलते इसने थ्योरी में प्रदेश भर में सबसे अधिक 800 में से 734 अंक प्राप्त किए।
दिपांशी ठाकुर ने इस बारे में डाईट प्रधानाचार्य को शिकायत पत्र देते हुए इसकी जांच करने की अपील की। उसने कहा कि इस संधर्भ में जांच की जाए और उसे बताया जाए कि उसको सबसे कम अंक किस आधार पर दिए है। यदि इसमें किसी ने कोई हेराफेरी की है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाए। दिपांशी ठाकुर ने 10+2 में में 93 फीसदी अंक प्राप्त किये थे जिसके बाद उसने डीएलएड में प्रवेश लिया यहाँ भी उसने प्रथम वर्ष में प्रदेश भर में द्वितीय स्थान प्राप्त किया, जिसके बाद अब डीएलएड के द्वितीय वर्ष की परीक्षा में भी थ्योरी में प्रदेश भर में सबसे अधिक अंक प्राप्त किए, परन्तु प्रैक्टिकल में सबसे कम अंक की वजह से दिपांशी इस बार प्रदेश भर की मैरिट में जगह नही बना पाई।
दिपांशी ठाकुर ने कहा कि जब उसने अन्य छात्रों के अंक चेक किए तो उसे हैरानी हुई की सभी बच्चों में सबसे कम अंक उसी को दिए गए है, जबकि अन्य बच्चों को 170 व 180 अंक दिए गये हैं। इसके बाद उसने अपने उन अध्यापकों से बात की जिन्होंने उनका प्रैक्टिकल लिया तो उन्होंने बताया कि उसे उन्होंने 60 में से 58 अंक दिए हैं। अगर अध्यापकों ने उसे प्रैक्टिकल में 96 फीसदी अंक दिए है तो आगे जाकर उसके अंक कैसे इतने कम हो गये। दिपांशी ठाकुर ने बताया कि इस सब घटनाक्रम में उसके साथ किसी ने जानबूझ कर हेराफेरी की है इस संधर्भ में दिपांशी ने डाईट प्रिंसिपल को लिखित शिकायत देते हुए इसकी जांच करवाने की अपील की है। दिपांशी का कहना है कि वह शिक्षकों की बहुत आदर करती है इसी वजह से वह भी शिक्षक बनने के लिए डीएलएड करने लगी, परन्तु अब शिक्षा के क्षेत्र में भी इस तरह के घपले हो रहे हैं, जिसे वह बिलकुल बर्दास्त नहीं करेगी और इसके खिलाफ वह आवाज उठा कर ही रहेगी।
जांच के बाद लिया जाएगा फैसला: दीप चंद गौतम
जब इस संधर्भ में हमने जिला परियोना अधिकारी एवं डाईट प्रधानाचार्य दीप चंद गौतम से बात की तो उन्होंने बताया की ऐसी शिकायत उनके पास आई हैं जिसके बाद उन्होंने इसकी जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आयेंगे उसके आधार पर फैसला लिया जाएगा।