आवाज ए हिमाचल
27 अप्रैल। अदालत के आदेश के बावजूद भी नगर निगमों के डाक्टरों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों का पूरा वेतन व पेंशन नहीं जारी करने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की। न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि अदालत ने पूरा भुगतान करने का निर्देश दिया था। आपने भुगतान क्यों नहीं किया, अब आप बताईए आपके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाये। पीठ ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिवक्ता से पूछा कि क्यों न निगम आयुक्त के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाये और सम्पत्ति जब्त की जाये।
वेतन एवं पेंशन भुगतान को कर्मचारी संगठनों एवं कर्मचारियों की तरफ कई याचिकाओं पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। पीठ ने उक्त टिप्पणी तब की जब एनडीएमसी के स्टैंडिंग काउंसल दिव्य प्रकाश पांडे ने पीठ को बताया कि डाक्टर, नर्स व मेडिकल स्टाफ की फरवरी माह तक वेतन जारी किया है, जबकि शिक्षकों व ग्रुप ए को जनवरी तक का भुगतान किया गया है।अदालत के रुख पर निगम अधिवक्ता कहा कि हम बहाना नहीं बना रहे हैं, लेकिन अचानक कोरोना की दूसरी लहर के कारण हमें पर्याप्त अनुदान नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में दिल्ली सरकार को पत्र लिखा गया है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण सरकार भी वित्तीय संकट में है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को वेतन भुगतान के लिए बकाया 250 करोड़ रुपये देने की मांग को लेकर एक आवेदन दाखिल किया गया है। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि आवेदन रिकार्ड पर नहीं है।पीठ ने आवेदन को रिकार्ड पर लेने का निर्देश देते हुए सुनवाई 31 मई तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी। वहीं, दिल्ली सरकार के अधिवक्ता संदीप सेठी ने कहा कि वेतन का भुगतान करने के लिए नगर निगम अग्रिम भुगतान की मांग नहीं कर सकता है। वहीं पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने पीठ को बताया कि उन्होंने सभी कर्मचारियों का मार्च तक के वेतन एवं पेंशन का भुगतान कर दिया है। इससे पहले अदालत ने सभी नगर निगमों को पांच अप्रैल तक कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया था। अदालत ने वेतन भुगतान के लिए और समय देने की निगमों की मांग को ठुकरा दिया था।