डबल डैकर फोरलेन के कारण लारजी में घुसी ब्यास

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आवाज़ ए हिमाचल  

 शिमला। बिजली बोर्ड के लारजी प्रोजेक्ट को बाढ़ से हुए नुकसान में फील्ड से आई रिपोर्ट के आधार पर हिमाचल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को जांच रिपोर्ट के आधार पर एक पत्र भेजा गया है। इसमें राज्य सरकार ने दावा किया है कि लारजी बिजली प्रोजेक्ट को हुआ नुकसान नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के डबल डेकर फोरलेन की वजह से है। नितिन गडकरी को इसी नुकसान के बदले 658 करोड़ रुपए की डैमेज रिपोर्ट भी भेजी गई है। राज्य सरकार का तर्क है कि एनएचएआई इस नुकसान को कम्पेनसेट करे। इसमें सबसे बड़ा कारण यह बताया गया है कि लारजी पावर हाउस के पास फोरलेन का डबल डेकर रोड बनाने के लिए एनएचएआई ब्यास नदी के बीच चार मीटर तक अंदर चला गया था। नदी का रास्ता संकरा होने के कारण प्रोजेक्ट को नुकसान होने की आशंका वर्ष 2019 में भी जताई गई थी।

एनएचएआई को भी ये रेफरेंस भेजा गया था, लेकिन उस वक्त इसकी सुनवाई नहीं की गई। दरअसल नौ से 11 जुलाई के बीच ब्यास बेसिन में आई बाढ़ के बाद मुख्यमंत्री ने अपने सलाहकार राम सुभग सिंह को लारजी प्रोजेक्ट साइट पर भेजा था। उनके साथ दो जिलों के डीसी भी थे। सारा डाटा एकत्र कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी गई। इसमें कई नए तथ्य निकले। मंडी और कुल्लू जिला के बीच स्थित 126 मेगावाट विद्युत क्षमता के लारजी प्रोजेक्ट के ठप होने से अब रोज राज्य सरकार को नुकसान हो रहा है। प्रोजेक्ट दिसंबर 2023 तक भी बहाल नहीं हो पाएगा। यही कारण है कि अब एनएचएआई को डैमेज रिपोर्ट दी गई है।

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