आवाज ए हिमाचल
हमीरपुर। हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग बेशक भंग कर दिया गया हो, लेकिन इस आयोग के पेपर लीक के मामले में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने अब जेई सिविल पोस्टकोड 970 भर्ती परीक्षा में भी शनिवार को एफआईआर दर्ज कर दी। पेपर लीक के मामले में यह नौवीं एफआईआर है। नई बात यह है कि इस केस में मुख्य आरोपी उमा आजाद नहीं है, बल्कि हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सचिव के साथ एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर को इसमें आरोपी बनाया गया है। यह वही ट्रैफिक इंस्पेक्टर है जिसे रिजल्ट घोषित होने और नियुक्ति के बाद टर्मिनेट किया गया था। ट्रैफिक इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा की एफआईआर में भी यह नामजद है। विजिलेंस ब्यूरो के सूत्र बताते हैं कि इसी व्यक्ति ने जेई सिविल का पेपर लीक किया और आगे बेचा। दो अभ्यर्थियों के साथ एक लाख की ट्रांजैक्शन पेपर लेने के बदले हुई है। इसी के साथ पेपर लीक मामले की जांच कुल्लू जिला की तरफ भी मुड़ी है, क्योंकि इसमें लाभार्थी अभ्यर्थी कुल्लू जिला से है।
कुल चार लोगों को इसमें आरोपी बनाया गया है। गौरतलब है कि जेई सिविल की लिखित परीक्षा 10 सितंबर 2022 को हुई थी। कुल 11 पदों पर यह भर्ती होनी थी और 36 अभ्यर्थियों को पास घोषित किया गया था। विजिलेंस ब्यूरो ने पेपर लीक का प्रमाण मिलने के बाद शनिवार को यह मामला दर्ज किया है। यह केस आईपीसी की धारा 409, 420, 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 12, 13(1)ए और 13(2) के तहत दर्ज किया गया है। गौर हो कि जांच एजेंसी विजिलेंस ब्यूरो के अनुसार कुल पांच पोस्ट कोर्ट में एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी सरकार से मांगी गई थी। इनमें से पोस्ट कोड 899 ऑक्शन रिकॉर्डर और पोस्टकोड 970 जेई सिविल में मामला दर्ज हो गया है। अब तीन अन्य पोस्टकोड में भी केस जल्द दर्ज हो सकता है। इनमें पोस्टकोड 903 जूनियर ऑफिस असिस्टेंट आईटी, पोस्टकोड 915 असिस्टेंट सुपरिटडेंट जेल और पोस्ट कोड 977 मार्केट सुपरवाइजर शामिल हैं।