ट्रक चालकों  का सरकार करे 50 लाख रुपए का बीमा: राजेन्द्र ठाकुर

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आवाज़ ए हिमाचल 

अभिषेक मिश्रा, बिलासपुर।

8 अप्रैल। जिला कांग्रेस सेवादल सदर खंड के अध्यक्ष तथा पूर्व में जिला परिषद सदस्य रहे युवा नेता राजेंद्र ठाकुर ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि ट्रक चालकों के भविष्य और उनके परिवार के दर्द को सांझा करते हुए इनका कम से कम 50 लाख रूपए बीमा होना सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में हर वर्ग अपनी आवाज उठाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है लेकिन चालक वर्ग एक ऐसा वर्ग है, जिसके पास अपने लिए ही समय नहीं है। परिवार और समाज की जिम्मेवारियों दिन रात ढो रहे चालकों और क्लीनरों की कहीं भी कोई सुनवाई नही हैं।

राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि ट्रक चालकों की सेवाओं को यदि सैनिकों की सेवा के साथ जोड़ा जाए तो कोई अतिश्याक्ति नहीं होगी। समाज के उत्थान में इस वर्ग का योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। देश की जनता को समय पर खाद्य वस्तुओं को पहुंचाने के साथ-साथ अन्य सुविधा देने वाले ट्रक चालकों की आज दिन तक किसी भी राजनीतिक दल द्वारा सुध नहीं ली गई है। बड़ी-बड़ी फैडरेशन और युनियनों को अपनी संख्या से विशाल बनाने वाले ट्रक चालक केवल एक संख्या से ज्यादा नहीं है।

ठाकुर ने कहा कि ट्रक चालक समाज का अभिन्न अंग है, यदि यह वर्ग न हो तो जीवन की कल्पना मुश्किल हो जाएगी। दिन रात सेवा देने वाले ट्रक चालकों का वास्तविक घर सड़क और ट्रक ही होता है। लंबे समय से अपने घर भी यह लोग नहीं जा पाते। सामान को तय समय में पहुँचाने के लिए ट्रक चालक दिन-रात सड़कों पर कदमताल करते देखे जा सकते हैं। अधिकांश सड़क हादसों में यही वर्ग काल का ग्रास भी बनता है। लेकिन सरकार की ओर से इनके परिवार वालों को सम्मानजनक मुआवजा तक नहीं मिल पाता। जिस किसी मालिक के पास यह काम करते हैं, वहां से भी अप्रिय घटना होने के बाद कोई मरहम नहीं मिलता। यही नहीं इन ट्रक चालकों का वेतन भी कोई सम्मानजनक नहीं होता ऐसे हालातों में मजबूरीवश पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेवारियों को ढो रहे चालकों के प्रति कोई राजनीतिक दल संवेदनशील नहीं है। सरकार को चाहिए कि वे यूनियनों और परिवहन फैडरेशनों को सख्त आदेश दें कि ट्रक चालकों का जीवन बीमा 50 लाख रूपए किया जाए। ईश्वर न करें कि कभी कोई अप्रिय हादसा होता है तो इनके परिजनों को तो राहत मिल जाए। यही नहीं हर सौ किलोमीटर पर इनके लिए विश्राम गृह, स्नानागार, शौचालय आदि की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे ये अपना विश्राम आदि कर सकें। इससे न सिर्फ ट्रक चालक सुरक्षित रहेंगे बल्कि सड़क हादसों में भी कमी आएगी।

राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि ट्रक चालक समाज की सेवा में जान हथेल पर रखकर चैबीसों घंटे लगे रहते हैं। इसलिए शासन और प्रशासन की यह जिम्मेवारी है कि इनकी हर सुख सुविधा का ध्यान रखा जाए।

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