आवाज़ ए हिमाचल
सोलन, 25 मार्च। सरकार ने अब एसआरटी (विशेष पथ कर) पर 5 फीसदी सेस लगाकर मंदी की मार झेल रहे ट्रक संचालकों पर कर का बोझ लाद दिया है। यही नहीं, एक साथ टोकन टैक्स जमा कराने वाले वाहन चालकों को मिलने वाली छूट भी बंद कर दी है। वाहन चालकों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। सरकार ने गुड्स टैक्स को अब परिवहन विभाग के अधीन कर उसे एसआरटी में बदल दिया है।
अब इस टैक्स पर पांच फीसदी सेस लगा दिया है। पहले छह चक्के वाले ट्रक पर 6000 रुपये और दस टायर वाले ट्रक पर दस हजार रुपये गुड्स टैक्स लगता था, लेकिन सरकार ने इस टैक्स को एसआरटी का नाम देकर उसे परिवहन विभाग के अधीन कर दिया। सरकार ने चुपचाप इस पर पांच फीसदी सेस लगा दिया। इससे छह टायर वाले ट्रक पर 300 रुपये और 10 टायर वाले ट्राले पर पांच सौ रुपये सीधा टैक्स बढ़ा दिया।
यही नहीं, 15 अप्रैल से पहले प्रति ट्रक 2500 रुपये टोकन टैक्स जमा कराने वाले को 125 रुपये की छूट दी जाती थी, लेकिन अब वह भी बंद कर दी है। अब उसे भी सेस का नाम दिया गया है। ट्रक संचालक किशोर ठाकुर, जितेंद्र ठाकुर, नींदू ठाकुर, सर्वजीत सिंह, प्रीतपाल और बलजीत ठाकुर ने बताया कि सरकार ने पिछले दरवाजे से कर लगा कर ट्रक संचालकों पर बोझ बढ़ा दिया है। छोटे ट्रक पर 425 रुपये व बड़े ट्रक पर 625 रुपये अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। कोरोना के चलते पहले ही ट्रक संचालक मंदी की मार झेल रहे हैं।
ट्रक संचालकों का कहना है कि बीबीएन में लोगों की जमीन जब उद्योगों के बीच में आ गई तो लोगों ने उस पैसे से ट्रक खरीद लिए थे, लेकिन अब ट्रक चलाना भी उनके लिए घाटे का सौदा बना हुआ है। उन्होंने सरकार से इस सेस के रूप में लिए जा रहे टैक्स को माफ करने की मांग की है। उधर, आरटीओ राम प्रकाश ने बताया कि टैक्स सरकार की ओर से लिए जाते हैं। यह न तो उसे कम कर सकते हैं और न ही बढ़ा सकते है। अब तो टैक्स भी ऑनलाइन जमा होते हैं।